अनिल कुंबले की ऐसी `विदाई` से नाखुश सहवाग, चाहते थे विराट से हो जाए पैचअप
सहवाग ने कुंबले का समर्थन करते हुए कहा कि, हालात ऐसे नहीं थे कि वे रुक पाते. उन्होंने बड़प्पन दिखाते हुए इस्तीफा दे दिया, लेकिन उनके पद छोड़ने को लेकर जो माहौल बना वह गलत था.
नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच अनिल कुंबले ने कप्तान विराट कोहली के साथ मतभेदों की वजह से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. कुंबले ने एक ट्वीट करके अपने इस्तीफे का कारण भी बताया था. कुंबले ने अपने ट्वीट में लिखा था कि क्रिकेट सलाहकार समिति ने मुझसे हेड कोच के तौर पर अपना कार्यकाल आगे बढ़ाने के लिए कहा था, लेकिन इसके साथ ही मुझे बताया गया कि कप्तान को मेरी कार्यशैली को लेकर परेशानी है. यह जानकर मैं हैरान रह गया क्योंकि कप्तान और कोच की सीमाएं मुझे अच्छी तरह से पता हैं. हालांकि, बीसीसीआई ने मेरे और कप्तान के बीच सुलह कराने की कोशिशि की. लेकिन यह स्पष्ट था कि यह साझेदारी आगे नहीं चलने वाली थी. ऐसे में मैंने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा.
हालांकि, कोहली मीडिया के सामने मन-मुटाव की खबरों को नकारते रहे, लेकिन कुंबले के इस्तीफे के बाद यह बात साफ हो गई थी कि उनकी पटरी कोच कुंबले के साथ नहीं बैठ रही थी. कुंबले के इस तरह इस्तीफा देने के बाद विराट कोहली की काफी आलोचना की थी. दिग्गज क्रिकेटरों ने दोनों के बीच सुलह करवाने की कोशिश भी की थी, लेकिन सभी असफल रहे. हाल ही में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू ने हेड कोच के पद के लिए आवेदन करने को लेकर अपने विचार रखे. इसी बीच सहवाग ने टीम इंडिया के पूर्व कोच अनिल कुंबले के इस्तीफे को लेकर भी अपनी बात कही.
अनिल कुंबले के अपने पद से इस तरह इस्तीफा देने पर सहवाग ने कह कि, यह गलत था. जिस तरह कुंबले की 'विदाई' हुई, वे ठीक नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि, हम चाहते थे कि दोनों (विराट कोहली और अनिल कुंबले) के बीच सहमति बन जाए.
सहवाग ने कुंबले का समर्थन करते हुए कहा कि, हालात ऐसे नहीं थे कि वे रुक पाते. उन्होंने बड़प्पन दिखाते हुए इस्तीफा दे दिया, लेकिन उनके पद छोड़ने को लेकर जो माहौल बना वह गलत था. वक्त खराब था और उन्हें जाना पड़ा वर्ना उनसे काबिल कोच कोई भी नहीं था. बता दें कि अनिल कुंबले को साल 2016 में भारतीय टीम का कोच बनाया गया था. एक साल के इस कार्यकाल में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है.
इसके साथ ही उन्होंने रवि शास्त्री को कोच बनाए जाने को लेकर कहा कि, शास्त्री पहले भी डायरेक्टर के तौर पर टीम के साथ काम कर चुके हैं. तब भारतीय टीम विदेशी दौरों पर ज्यादा खेली. अब उनके कार्यकाल में भी टीम घर में खेलेगी और शायद इसके बाद उनकी भी उतनी ही तारीफ हो जितनी कुंबले की हुई.
अपने संन्यास को लेकर भी सहवाग ने अपनी राय दी. मैदान से संन्यास नहीं ले पाने का उन्हें बेहद अफसोस है. उन्होंने कहा कि, अगर मुझे पता होता कि मैं ड्रॉप होने वाला हूं तो मैं बोर्ड से कहता कि मुझे मैदान से संन्यास लेने का एक मौका दें लेकिन, जब ड्रॉप हो गया तो कैसे बोलता.
(एजेंसी इनपुट के साथ)