Sachin Tendulkar Controversy: साल 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मुल्तान टेस्ट मैच में एक ऐसा विवाद हुआ जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हो गया. पाकिस्तान के खिलाफ साल 2004 में खेले गए मुल्तान टेस्ट मैच में वीरेंद्र सहवाग के तिहरा शतक जमाने के बाद ही कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित कर सभी को चौंका दिया था. उस समय सचिन तेंदुलकर 194 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे और उन्हें अपना दोहरा शतक बनाने के लिए केवल 6 रन की जरूरत थी. 


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सचिन के लिए दुश्मन साबित हो गए थे द्रविड़


वीरेंद्र सहवाग के तिहरे शतक के कुछ देर बार ही राहुल द्रविड़ ने भारत की पहली पारी 5 विकेट पर 675 रनों के स्कोर पर घोषित कर दी थी. यह देख सचिन तेंदुलकर भी हैरान रह गए थे. हालांकि भारत ने यह मैच पारी और 52 रनों से अपने नाम कर लिया था. मैच में सहवाग ने 309 रन की पारी खेली थी. मैच के बाद राहुल द्रविड़ की खूब आलोचना हुई थी. भारतीय फैंस को आज भी भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2004 में खेले गया मुल्तान टेस्ट याद है.


वर्ल्ड क्रिकेट में मच गया था हड़कंप


राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने उस मैच में टीम इंड़िया की कमान संभाल रखी थी. मुल्तान के इस टेस्ट मैच में टीम इंडिया की तरफ से धुंआधार बल्लेबाजी करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने 309 रन बनाकर अपना पहला तिहरा शतक जड़ा था, लेकिन इसी मैच में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को कप्तान राहुल द्रविड़ के एक फैसले ने बेहद हैरानी में डाल दिया था. वैसे राहुल के उस एक फैसले ने ना सिर्फ सचिन को गुस्सा दिलाया बल्कि करोड़ों भारतीयों के दिलों में एक सवाल खड़ा कर दिया था. एक तरह से कहा जा सकता है कि ये क्रिकेट के इतिहास में सबसे विवादित फैसलों में से एक रहा है.


सहवाग और सचिन ने पाकिस्तान की उड़ाई धज्जियां 


वीरेंद्र सहवाग ने इस मैच में तिहरा शतक लगाया था. दरअसल, अच्छी शुरूआत के बाद भारत ने आकाश चोपड़ा और द्रविड़ के विकेट जल्दी-जल्दी गवां दिए और फिर सहवाग का साथ देने के लिए सचिन मैदान में उतरे. फिर क्या था, सहवाग और सचिन के बीच 336 रनों की एक विशाल साझेदारी हुई जिसनें पाकिस्तान के मनसूबों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. सहवाग के 309 रन पर आउट होते ही ये पार्टनरशिप टूट गई और फिर भारतीय टीम के स्कोर को आगे बढ़ाने का जिम्मा सचिन के कंधों पर आ गया.


द्रविड़ का एक्शन देख सचिन भौचक्के रह गए


सचिन ने सहवाग के आउट होने के बाद जिम्मेदारी तो ली पर रन बनाने की उनकी गति धीमी हो गई. इसी धीमी गति से रन बनाते हुए सचिन 194 के स्कोर पर नॉट आउट खेल रहे थे और युवराज सिंह 59 रन बनाकर तभी वापस पवेलियन लौटे थे. उस वक्त भारत का स्कोर 675/5 था. तभी अचानक द्रविड़ ने भारत की पारी घोषित कर दी. द्रविड़ का ये एक्शन देख सचिन भौचक्के रह गए, एक पल के लिए तो उन्हें ये यकीन ही नहीं हुआ कि वाकई में राहुल ने पारी को घोषित करने का फैसला कर लिया है, क्योंकि उस वक्त सचिन अपने दोहरे शतक से मात्र 6 रन दूर थे. 


सचिन काफी गुस्सा हुए थे


द्रविड़ ये जानते थे कि उनके साथी को दोहरा शतक लगाने का मौका मिल रहा है, लेकिन फिर भी उन्होंने पारी घोषित करने का फैसला कर लिया, इस फैसले से न सिर्फ सचिन और टीम इंडिया के बाकी खिलाड़ी बल्कि फैंस भी काफी हैरानी में थे. न चाहते हुए भी सचिन अपने कैप्टन के बुलावे पर वापस ड्रेसिंग रूम  लौटने पर मजबूर हो गए, वो भी तब जब वो अपनी डबल सेंचुरी के बेहद करीब थे. कहा जाता है कि राहुल के इस फैसले से सचिन काफी गुस्सा हुए थे. लेकिन उस वक्त सचिन ने इस बारे में मीडिया से ज्यादा कुछ नहीं कहा पर साल 2014 में अपनी ओटोबायोग्राफी 'प्लेइंग इट माई वे' में इस किस्से का जिक्र करते हुए लिखा था कि- उस वक्त वो राहुल के इस फैसले के कारण बहुत दुखी थे, क्योंकि मैच में काफी वक्त शेष था और वो अपना दोहरा शतक पूरा कर सकते थे.


फैसले का कोई तुक नहीं बन रहा था


सचिन ने इस किताब के जरिए बताया, 'मैं बहुत हैरान था, क्योंकि उस फैसले का कोई तुक नहीं बन रहा था. क्योंकि उस मैच का वो दूसरा दिन था चौथा नहीं, लेकिन मैं बहुत दुखी होकर पवेलियन की तरफ लौटा तो मुझे पता चला कि इस फैसले से सिर्फ मैं ही हैरान नहीं था, वहां मौजूद हर कोई राहुल के फैसले से हैरान था. जब मैं ड्रेसिंग रूम में वापस आया तो मेरे कुछ साथियों को लग रहा था कि मैं वहां आकर खूब हंगामा करूंगा, लेकिन ये मेरा स्टाइल नहीं था और न ही मेंने इस बारे में किसी से कोई बात की. हालांकि मैं अंदर ही अंदर काफी नाराज था.'