World Cup 2023 में इतनी खतरनाक फॉर्म में कैसे हैं विराट कोहली, कोच ने खोल दिया सबसे बड़ा राज
World Cup News: टीम इंडिया ने बैटिंग कोच ने कहा कि विराट कोहली पर बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत नहीं पड़ती है. बता दें कि विराट कोहली ने बुधवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप के पहले सेमीफाइनल में वनडे में 50वां शतक लगाकर सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को तोड़ा था.
Virat Kohli: धाकड़ बल्लेबाज विराट कोहली को लेकर टीम इंडिया ने बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने बड़ा खुलासा किया है. टीम इंडिया ने बैटिंग कोच ने कहा कि विराट कोहली पर बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत नहीं पड़ती है. बता दें कि विराट कोहली ने बुधवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप के पहले सेमीफाइनल में वनडे में 50वां शतक लगाकर सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को तोड़ा था.
विराट कोहली को मिली पूरी छूट
टीम इंडिया ने बैटिंग कोच ने कहा,‘वह (कोहली) अपनी क्रिकेट को अच्छी तरह से समझते हैं और हम केवल उनकी तैयारी में मदद करते हैं. अगर उन्हें किसी चीज की जरूरत होती है तो वह आकर पूछते हैं, नहीं तो हम उन्हें अपनी तरह से तैयार होने की छूट देते हैं. वह जानते हैं कि उन्हें क्या करना है. वह जैसा चाहते हैं उसी तरह से बल्लेबाजी करते हैं.’
फिटनेस पर कड़ी मेहनत करते हैं कोहली
टीम इंडिया ने बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने कहा,‘सबसे जरूरी सेमीफाइनल में जीत दर्ज करके फाइनल में जगह बनाना है. निश्चित तौर पर विराट कोहली का 50वां शतक वास्तव में खास है. वह अपनी क्रिकेट और फिटनेस पर वास्तव में कड़ी मेहनत करता है. वह अब भी रनों का भूखा है.’ इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि भारत की सफलता का राज अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल करना है.
विराट कोहली रनों के काफी भूखे
विक्रम राठौड़ ने कहा,‘वे सभी कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उन्होंने इस टूर्नामेंट के लिए अच्छी तरह से तैयारी की थी. यह देखना अच्छा है कि सभी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल कर रहे हैं. हमने परिस्थितियों से अच्छी तरह से सामंजस्य बिठाया है.’ विक्रम राठौड़ ने कहा कि मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन जैसे खिलाड़ियों को पर्याप्त मैच नहीं मिलने के बावजूद उन्हें सही मानसिकता में बनाए रखने का श्रेय टीम प्रबंधन को जाता है.
शमी बहुत स्पेशल गेंदबाज
विक्रम राठौड़ ने कहा,‘वह (शमी) विशेष गेंदबाज है. वह वास्तव में शानदार गेंदबाजी कर रहा है. वह पहले कुछ मैच में इसलिए नहीं खेल पाया, क्योंकि हम जिस तरह का संयोजन चाहते थे उसमें उसे टीम में लेना मुश्किल था. इसका श्रेय प्रबंधन को जाता है कि जब वह नहीं खेल रहा था तब भी वह अच्छी मानसिकता में था. हम देख सकते हैं कि दुनिया का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर भी प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बन पा रहा है.’