Yashasvi Jaiswal: यशस्वी जायसवाल ने जड़ा डेब्यू मैच में शतक तो पिता ने मांगी मन्नत, कांवड़ यात्रा पर निकले
Yashasvi Jaiswal Father: यशस्वी जायसवाल ने अपने करियर के पहले ही टेस्ट मैच में शतक जड़ दिया. इसी के साथ उन्होंने अलग-अलग तरह से रिकॉर्ड-बुक में अपना नाम दर्ज कराया. यशस्वी दूसरे दिन 143 रन बनाकर नाबाद लौटे. इस बीच उनके पिता कांवड़ यात्रा पर निकले हैं.
Yashasvi Jaiswal Father, IND vs WI : भारत और वेस्टइंडीज के बीच सीरीज का पहला टेस्ट मैच (IND vs WI 1st Test) डोमिनिका के विंडसर पार्क में खेला जा रहा है. इस मैच में दोनों ओपनर्स कप्तान रोहित शर्म और युवा यशस्वी जायसवाल शतक ठोके. यशस्वी ने इसी मैच से इंटरनेशनल डेब्यू किया है. इस बीच उनके पिता कांवड़ यात्रा पर निकले हैं.
भारत का पलड़ा भारी
डोमिनिका में जारी इस टेस्ट मैच में यशस्वी जायसवाल और रोहित के शतकों की बदौलत भारत ने दूसरे दिन तक अपनी पहली पारी में 2 विकेट खोकर 312 रन बना लिए. वेस्टइंडीज की शुरुआती पारी महज 150 रन पर सिमट गई थी. भारत के पास अभी 162 रनों की बढ़त हो गई है. रोहित 103 रन बनाकर आउट हुए जबकि यशस्वी दूसरे दिन तक 350 गेंदों का सामना करने के बाद 143 रन बना चुके थे. उन्होंने अभी तक 14 चौके लगाए हैं. स्टंप्स के समय उनके साथ विराट कोहली 36 रन बनाकर क्रीज पर थे.
पिता ने मांगी मन्नत
यशस्वी जायसवाल पर करोड़ों क्रिकेट फैंस की नजरें टिकी हैं. देखना दिलचस्प होगा कि वह अपनी पारी को कहां तक ले जाते हैं. इस बीच उनके पिता भूपेंद्र जायसवाल का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है. इसमें वह अपने बेटे के दोहरे शतक तक पहुंचने की इच्छा जता रहे हैं. इसी मन्नत के लिए वह कांवड़ यात्रा पर भी हैं. यशस्वी के पिता ने कहा कि पूरे परिवार में इस बात की खुशी है. इतना ही नहीं, पूरा भदोही जिला खुश है. उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि बेटा दोहरा शतक जड़े और पूरे उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करे. मैं बाबा धाम में यही मन्नत मांगूंगा की बेटे का दोहरा शतक पूरा हो. उसकी मेहनत सफल हो.'
मुंबई में बेचे गोल-गप्पे
यशस्वी जायसवाल का यहां तक पहुंचने का सफर संघर्षों से भरा रहा है. वह उम्र में ही मुंबई आ गए थे. उन्होंने क्रिकेट खेलने के लिए इस शहर में काफी संघर्ष किया. यहां तक कि गोल गप्पे तक बेचे. इसके अलवा जब उन्हें एक घर से निकाल दिया गया तो टेंट तक में रहने को मजबूर हुए. रात में उन्हें खुद खाना बनाकर पेट भरना पड़ता था. बाद में उनकी मेहनत रंग लाई. यशस्वी ने अंडर-19 वर्ल्ड कप में टीम को चैंपियन बनाया. आईपीएल में बल्ले का कमाल दिखाया और सेलेक्टर्स का ध्यान खींचा.