Yuvraj Singh Statement: टी20 वर्ल्ड कप 2024 को ध्यान में रखते हुए रोहित शर्मा और विराट कोहली के 14 महीने बाद टी20 टीम में वापसी में वर्ल्ड कप विजेता भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह को कुछ भी गलत नहीं दिखता और उनका कहना है ‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना’. इन दोनों को अफगानिस्तान के खिलाफ चल रही तीन मैच की टी20 सीरीज के लिए टीम में चुना गया जो अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने वाले वर्ल्ड कप से पहले भारत का अंतिम टूर्नामेंट है.


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'लोगों का काम है कहना'


रोहित शर्मा और विराट कोहली के टीम में शामिल करने से बहस शुरू हो गई कि यह सही कदम है या नहीं. युवराज सिंह इस कदम के लिए हो रहे शोरगुल से प्रभावित नहीं हैं और उन्होंने किशोर कुमार के मशहूर गाने से अपनी राय बयां करते हुए कहा, ‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना’. उनकी इस प्रतिक्रिया ने आलोचकों की अनदेखी और अपने काम के प्रति समर्पित बने रहने के अहमियत बयां की.


रोहित शानदार कप्तान


युवराज सिंह ने कहा, ‘ऐसा इसलिए क्योंकि वे सभी तीनों फॉर्मेट्स में खेलते हैं और वे 14 महीने बाद वापसी कर रहे हैं. अगर आप तीनों फॉर्मेट्स में खेलते हो तो आपको अपने कार्यभार का ध्यान रखना होगा. यह चयनकर्ताओं के लिए एक प्रश्न है.’ युवराज सिंह ने रोहित शर्मा की भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर तारीफ करते हुए कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि रोहित शानदार कप्तान रहा है, उसके पास पांच आईपीएल (IPL) ट्रॉफियां हैं, वह हमें वर्ल्ड कप फाइनल तक ले गया, वह आईपीएल और भारत दोनों के लिए शानदार कप्तानों में से एक है. हमें उसके कार्यभार को संभालना होगा.’


क्या कप्तानी को लेकर रोहित और पांड्या में है विवाद?


यह पूछने पर रोहित शर्मा या हार्दिक पंड्या, किसे टी20 वर्ल्ड कप में कप्तान चुनना चाहिए तो युवराज सिंह ने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि इस समय हार्दिक पांड्या की फिटनेस की स्थिति कैसी है. यह चयनकर्ताओं का फैसला होगा.’ हार्दिक पांड्या आगामी आईपीएल सीजन में मुंबई इंडियंस में पांच बार के आईपीएल खिताब विजेता कप्तान रोहित के कप्तान होंगे.


युवराज सिंह ने दिया रिएक्शन


इससे किसी तरह से अहंकार के टकराव पर युवराज सिंह ने कहा, ‘जब खिलाड़ी एक साथ खेलते हैं तो इस तरह की चीजें होती हैं. अगर उन्हें कोई मुद्दा है तो उन्हें निश्चित रूप से बैठकर इस पर बात करनी चाहिए. रोहित हमेशा ही हार्दिक से सर्वश्रेष्ठ कराने में काफी अहम रहा है, विशेषकर गेंदबाजी से लेकर उसके कार्यभार प्रबंधन के लिहाज तक. हालांकि मुझे इसमें कोई मुद्दा नहीं दिखता लेकिन अगर ऐसा है तो उन्हें निश्चित रूप से इसके बारे में बात करनी चाहिए.’


युवराज सिंह को इस बात का पछतावा


युवराज सिंह ने कहा, ‘जब आप अपने देश के लिए खेल रहे हो तो आपकी प्राथमिकता सबकुछ छोड़कर मैदान पर अपना शत प्रतिशत देने की होनी चाहिए. वे पेशेवर खिलाड़ी हैं, अगर कोई मुद्दा है तो उन्हें इसे छोड़कर देश के लिए अपना शत प्रतिशत देना चाहिए.’ युवराज ने भारत की टी20 अंतरराष्ट्रीय और वनडे वर्ल्ड कप जीत में अहम भूमिका निभाई है लेकिन बतौर क्रिकेटर उन्हें एक चीज का पछतावा है कि वह और अधिक टेस्ट मैच खेल सकते थे.


ज्यादा टेस्ट मैच नहीं खेलने का मलाल 


पूर्व बाएं हाथ के बल्लेबाज को अब भी लगता है कि वह 40 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल सकते थे. युवराज सिंह ने कहा, ‘एक ही पछतावा है कि मैं और अधिक टेस्ट खेल सकता था. मैंने 40 टेस्ट खेले और 45 टेस्ट के लिए 12वां खिलाड़ी था.’ युवराज सिंह ने कहा, ‘वह वो युग था जिसमें वीरेंद्र सहवाग को पारी का आगाज करना पड़ा. दादा (सौरव गांगुली) कप्तान थे, फिर वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर खेलते थे. टीम में जगह बनाना मुश्किल था, लेकिन मैंने ‘टीम मैन’ के तौर पर हमेशा अपना शत प्रतिशत दिया, यह मेरे लिए ज्यादा अहम है.’ (PTI से इनपुट)