मास्को:  फ्रांस और क्रोएशिया के बीच फाइनल की जंग में बाजी फ्रांस के हाथ लगी है. फ्रांस FIFA World Cup 2018 का चैंपियन बन गया है. फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया. 1998 के बाद दूसरा मौका है जब फ्रांस ने विश्वकप जीता है. हालांकि फ्रांस 2006 में फाइनल में जगह बनाई थी. उधर, क्रोएशिया पहली बार फाइनल में पहुंचा था. अगला विश्वकप 2022 में कतर में खेला जाएगा.


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पिछले विश्वकप 90 मिनट से ज्यादा समय में समाप्त हुए थे. 2002 के बाद अब विश्वकप का फाइनल मुकाबला तय समय में समाप्त हुआ. इस विश्व कप में कुल 169 गोल हुए हैं. पिछले चार कप के फाइनल मुकाबलों में मिलाकर ही कुल 6 गोल हुए थे. लेकिन इस बार के फाइनल में ही दोनों टीमों ने मिलाकर 6 गोल किए.


फ्रांस के खिलाड़ियों ने शानदार खेल का नजारा पेश किया. पहले हाफ में 2-1 की बढ़त बनाई. दूसरे हाफ के फ्रांस पूरी तरह से हावी हो गया है और दूसरे हाफ के बाद दो और गोल दागकर बढ़त 4-1 कर ली. हालांकि क्रोएशिया की टीम ने एक और गोल करके इस अंतर को 4-2 कर दिया. 


इससे पहले, फ्रांस ने 18वें मिनट में मारियो मैंडजुकिच के आत्मघाती गोल से बढ़त बनाई लेकिन इवान पेरिसिच ने 28वें मिनट में बराबरी का गोल दाग दिया. फ्रांस को हालांकि जल्द ही पेनल्टी मिली जिसे एंटोनी ग्रीजमैन ने 38वें मिनट में गोल में बदला. दोनों टीमें 4-2-3-1 के संयोजन के साथ मैदान पर उतरी. क्रोएशिया ने इंग्लैंड की खिलाफ जीत दर्ज करने वाली शुरुआती एकादश में बदलाव नहीं किया तो फ्रांसीसी कोच डिडियर डेसचैम्प्स ने अपनी रक्षापंक्ति को मजबूत करने पर ध्यान दिया.



क्रोएशिया ने अच्छी शुरुआत और पहले हाफ में न सिर्फ गेंद पर अधिक कब्जा जमाए रखा बल्कि इस बीच आक्रामक रणनीति भी अपनाये रखी लेकिन भाग्य फ्रांस के साथ था जिसने बिना किसी प्रयास के दोनों गोल किए. फ्रांस को पहला मौका 18वें मिनट में मिला और वह इसी पर बढ़त बनाने में कामयाब रहा. फ्रांस को दायीं तरफ बाक्स के करीब फ्री किक मिली. ग्रीजमैन का क्रास शॉट गोलकीपर डेनियल सुबासिच की तरफ बढ़ रहा था लेकिन तभी मैंडजुकिच ने उस पर सिर लगा दिया और गेंद गोल में घुस गयी. इस तरह से मैंडजुकिच फाइनल में आत्मघाती गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए. 



पेरिसिच ने हालांकि जल्द ही बराबरी का गोल करके क्रोएशियाई दर्शकों और मैंडजुकिच में जोश भरा. पेरिसिच का यह गोल हालांकि दर्शनीय था जिसने लुजनिकी स्टेडियम में बैठे दर्शकों को रोमांचित करने में कसर नहीं छोड़ी. क्रोएशिया को फ्री किक मिली और फ्रांस इसके खतरे को नहीं टाल पाया. 


पहले मैंडजुकिच ने और डोमागोज विडा ने गेंद विंगर पेरिसिच की तरफ बढ़ाई. उन्होंने थोड़ा समय लिया और फिर बाएं पांव से शॉट जमाकर गेंद को गोल के हवाले कर दिया. ह्यूगो लोरिस के पास इसका कोई जवाब नहीं था. लेकिन इसके तुरंत बाद पेरिसिच की गलती से फ्रांस को पेनल्टी मिल गयी. बाक्स के अंदर गेंद पेरिसिच के हाथ से छू गई. रेफरी ने वीएआर की मदद ली और फ्रांस को पेनल्टी दे दी. ग्रीजमैन ने उस पर गोल करने में कोई गलती नहीं की. यह 1974 के बाद विश्वकप में पहला अवसर है जबकि फाइनल में मध्यांतर से पहले तीन गोल हुए.  क्रोएशिया ने इस संख्या को बढ़ाने के लिए लगातार अच्छे प्रयास किए लेकिन फ्रांस ने अपनी ताकत गोल बचाने पर लगा दी. इस बीच पॉल पोग्बा ने देजान लोवरान को गोल करने से रोका.