गुवाहाटी : देश के दूरदराज गांव से निकली लड़कियों ने भारत को मुक्केबाजी की रिंग में ऐसी कामयाबी दिलाई है, जो इससे पहले उसे हासिल नहीं हुई थी. देश की महिला खिलाड़ियों ने रविवार को गुवाहाटी में एआईबीए युवा महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के अंतिम दिन पांच गोल्ड मैडल जीतकर ऐतिहासिक सफलता दर्ज की. भारत के लिए नीतू, ज्योति, साक्षी, अंकुशिता बोरो और साक्षी चोपड़ा ने स्वर्ण जीते. इससे पहले भारत ने यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिर्फ 2 गोल्ड मैडल जीते थे. लेकिन इन महिला खिलाड़ियों ने इस बार ये इतिहास बदल दिया.


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नीतू, ज्योति, शशि और साक्षी हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं, जबकि अंकुशिता असम के मेगाई गेरां गांव की रहने वाली हैं. नबीन चंद्र बादरोलोई इंडोर स्टेडियम में हुए मुकाबले में नीतू ने लाइटफ्लाईवेट कटेगरी में गोल्ड जीता.  ज्योति ने फ्लाइवेट में बाजी मारी. इसी तरह साक्षी ने बेंटमवेट वर्ग में पहला स्थान हासिल किया. शशि ने फीदरवेट कटेगरी में गोल्ड जीता. अंकुशिता ने लाइटवेल्टर कटेगरी में बाजी मारी.


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नीतू ने फाइनल में कजाकिस्तान की झाजिरा उराकबायेवा को 5-0 से हराया. दूसरी ओर, ज्योति ने रूस की एकातेरिना मोलचानोवा को इसी अंतर से पराजित कर अपनी टीम को दूसरा स्वर्ण दिलाया. बेंटम वेट के फाइनल में साक्षी ने इंग्लैंड की इवी जेन स्मिथ को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर पहला स्थान हासिल किया. फीदरवेट में शशि ने वियतनाम की नगोक जो होंग को 4-1 से परास्त किया.


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स्थानीय खिलाड़ी अंकुशिता ने फाइनल में रूस की एकातेरिना डेनिक को 4-1 से हराया. अंकुशिता को टूर्नामेंट का बेस्ट मुक्केबाज चुना गया. ज्योति ने अगले साल अर्जेटीना में होने वाली यूथ ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है. भारत को इस चैम्पियनशिप में दो रजत भी मिले. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने पदक जीतने वाली प्रत्येक खिलाड़ी को दो-दो लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है.


इन महिला खिलाड़ियों से देश को एक नई उम्मीद मिली है. इससे पहले देश के पास सिर्फ मेरीकॉम ही एेसी खिलाड़ी थीं, जो देश को पदक दिला रही थीं. लेकिन अब इन्होंने मुक्केबाजी में अब देश नई उम्मीद जगा दी है.


इनपुट : भाषा