Indian football team coach Igor Stimac sacked: ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) ने आखिरकार बड़ा फैसला ले लिया है. उसने भारतीय फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमैक को बर्खास्त कर दिया है. इस बात फैसले की उम्मीद फुटबॉल फैंस को पिछले कुछ दिनों से थी. टीम इंडिया फीफा वर्ल्ड कप 2026 क्वालीफायर के राउंड 3 में नहीं पहुंच पाई. कतर के खिलाफ अपने आखिरी मैच में भारत को 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था. इस कारण टीम इंडिया का वर्ल्ड कप खेलने का सपना टूट गया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तीसरे स्थान पर रहा था भारत


भारतीय टीम अपने ग्रुप में तीसरे स्थान पर रही थी. कतर पहले और कुवैत दूसरे पायदान पर रहा था. अफगानिस्तान ग्रुप में सबसे नीचे चौथे नंबर पर रहा था. पूर्व कप्तान सुनील छेत्री के संन्यास लेने के कुछ दिन बाद ही टीम इंडिया कतर के खिलाफ मुकाबले में हार गई. एआईएफएफ के अनुसार, रविवार को सीनियर अधिकारियों की एक वर्चुअल बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया.


नए कोच की होगी तलाश


एआईएफएफ ने कहा, "बैठक की अध्यक्षता एआईएफएफ के उपाध्यक्ष एनए हारिस ने की और इसमें मेनला एथेनपा (सदस्य, कार्यकारी समिति और अध्यक्ष, वित्त समिति), अनिलकुमार प्रभाकरन (सदस्य, कार्यकारी समिति और अध्यक्ष, प्रतियोगिता समिति), आईएम विजयन (एआईएफएफ तकनीकी समिति के अध्यक्ष), क्लाइमैक्स लॉरेंस (एआईएफएफ तकनीकी समिति के सदस्य) और एम. सत्यनारायण (कार्यवाहक महासचिव) शामिल हुए. टीम के फीफा वर्ल्ड कप 2026 क्वालीफायर में रिजल्ट को देखते हुए सदस्यों ने सर्वसम्मति से सहमति जताई है कि टीम को आगे ले जाने के लिए नया मुख्य कोच सबसे उपयुक्त होगा.''


एआईएफएफ ने स्टिमैक को कहा धन्यवाद


एआईएफएफ ने कहा, ''बैठक में कार्यवाहक महासचिव सत्यनारायण को निर्देश दिया गया कि वह वर्तमान मुख्य कोच इगोर स्टिमैक को उनकी बर्खास्तगी के बारे में जानकारी दें. एआईएफएफ सचिवालय द्वारा स्टिमैक को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया है और उन्हें तत्काल प्रभाव से अपने दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है. एआईएफएफ स्टिमैक को राष्ट्रीय टीम के लिए उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देता है और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता है.''


कतर के खिलाफ मैच में हुआ था विवाद


भारत कतर के खिलाफ 1-2 से मैच हार गया, लेकिन यह मैच विवादों से अछूता नहीं रहा. कतर का बराबरी का गोल तब सवालों के घेरे में आ गया जब रिप्ले में साफ दिखा कि गेंद गोल के पीछे लाइन पार कर गई थी. लाइन पार करने के बाद गेंद को खेल में लाया गया और फिर गोल किया गया. इस कारण फीफा के रेफरी की काफी आलोचना हुई.