Wrestling Federation Row : भारतीय कुश्ती में अब नया मोड़ आ गया है. रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) को लेकर बीते कुछ वक्त से प्रदर्शन कर रहे दिग्गज पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के खिलाफ अब जूनियर रेसलर जुट गए हैं. सैकड़ों जूनियर पहलवान जंतर-मंतर पर जमा हुए और महत्वपूर्ण साल बर्बाद होने के लिए उन्होंने देश के शीर्ष रेसलरों के खिलाफ प्रदर्शन किया.


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विनेश, बजरंग के खिलाफ प्रदर्शन


भारतीय कुश्ती में जारी संकट में बुधवार को नया मोड़ आया, जब बड़ी संख्या में जूनियर पहलवान अपने करियर में एक महत्वपूर्ण साल बर्बाद होने के खिलाफ जंतर-मंतर पर जमा हुए. इन रेसलरों ने शीर्ष पहलवानों बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को इसके लिए दोषी ठहराया. बसों में भरकर जूनियर पहलवान उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से जंतर-मंतर पहुंचे. इनमें से करीब 300 तो बागपत के छपरौली के आर्य समाज अखाड़े से थे जबकि कई नरेला की वीरेंद्र कुश्ती अकादमी से भी थे.


'कर दिया देश की कुश्ती को बर्बाद'


सुरक्षाकर्मियों को उन्हें काबू करने में काफी परेशानी हुई. ये पहलवान बजरंग, साक्षी और विनेश के खिलाफ नारे लगा रहे थे. इन्होंने बैनर पकड़ रखे थे जिस पर तीनों पहलवानों की तस्वीरों के साथ लिखा था ,‘‘कर दिया देश की कुश्ती को बर्बाद, साक्षी, बजरंग और फोगाट.’ भारतीय कुश्ती महासंघ के नए पदाधिकारियों के चुनाव के तुरंत बाद राष्ट्रीय अंडर-15 और अंडर-20 चैंपियनशिप गोंडा में कराने का फैसला किया गया जिसके बाद मंत्रालय ने महासंघ को निलंबित कर दिया. ये टूर्नामेंट भी रद्द हो गए.



लाखों पहलवानों का करियर हो रहा बर्बाद


प्रदर्शनकारी पहलवानों में से कइयों के पास आखिरी बार जूनियर स्तर पर खेलने का मौका था. मुजफ्फरनगर स्टेडियम के कोच प्रदीप कुमार ने कहा, ‘यूपी के 90 प्रतिशत से ज्यादा अखाड़े इस प्रदर्शन में हमारे साथ हैं. एक तरफ सिर्फ 3 पहलवान हैं. दूसरी तरफ लाखों हैं. उन्होंने देश के लाखों पहलवानों का करियर खराब कर दिया. इनके मन में राष्ट्रीय पुरस्कारों की कोई इज्जत नहीं है. उन्हें सड़क पर पटक रहे हैं.’ बता दें कि बजरंग और विनेश ने अपने सरकारी सम्मान लौटा दिए हैं.


'WFI में शीर्ष पद पाना चाहते हैं बजरंग और विनेश'


प्रदीप ने कहा, ‘वे कहते आ रहे हैं कि उनकी लड़ाई महिला और जूनियर पहलवानों के लिए है लेकिन उन्होंने लाखों का करियर बर्बाद कर दिया. उनका प्रदर्शन डब्ल्यूएफआई में शीर्ष पद पाने के लिए है. एक बार ऐसा होने पर उनका सारा प्रदर्शन बंद हो जाएगा.’ करीब एक साल पहले जंतर-मंतर पर ही ये तीनों शीर्ष पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर धरने पर बैठे थे. उस समय किसान समूहों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, महिला संगठनों और पहलवानों ने इनका समर्थन किया था.


जूनियर पहलवानों का एक साल खराब हुआ


जनवरी 2023 से राष्ट्रीय शिविर और प्रतिस्पर्धाएं ठप पड़ी हैं. डब्ल्यूएफआई दो बार निलंबित हो चुका है और तदर्थ समिति (एड-हॉक कमिटी) खेल का संचालन कर रही है. आर्य समाज अखाड़े के विवेक मलिक ने कहा, ‘इन जूनियर पहलवानों का पूरा एक साल खराब हो गया. नए डब्ल्यूएफआई ने इन पहलवानों के भले के लिए फैसला लिया था जो जिला या प्रदेश स्तर की स्पर्धा भी नहीं खेल सके हैं. नये महासंघ को भी निलंबित कर दिया गया. इसका चुनाव अदालत के निर्देशों पर हुआ लेकिन इसे काम नहीं करने दिया गया. निलंबन हटना चाहिए और महासंघ को काम करने देना चाहिए.’ (PTI से इनपुट)