नई दिल्ली: भारतीय मुक्केबाजी के राष्ट्रीय पर्यवेक्षक अखिल कुमार ने आज अपनी नियुक्ति में हितों के टकराव को खारिज करते हुए कहा कि उन पर शंका करना गलत है क्योंकि ना तो वह किसी सरकारी योजना का फायदा ले रहे हैं और ना ही किसी राष्ट्रीय शिविर का हिस्सा हैं. खेल मंत्रालय द्वारा उनकी नियुक्ति की आलोचना पर कड़ा जवाब देते हुए पूर्व राष्ट्रमंडल खेल स्वर्ण पदक विजेता और विश्व कप कांस्य पदक विजेता अखिल ने कहा कि वह इस विवाद से हैरान हैं. 


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अब पेशेवर मुक्केबाज बने अखिल ने कहा, ‘लोग कहते हैं कि शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों को भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यधारा में आना चाहिए. जब हम ऐसा कर रहे हैं तो विवाद खड़े किए जा रहे हैं.’


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उन्होंने कहा, ‘जब मैने आखिरी अमैच्योर मुक्केबाजी प्रतियोगिता में भाग लिया था तो अंतिम 16 तक पहुंचा था. लोगों ने कहा कि इसका कैरियर खत्म हो चुका है और कई चोटों का इसने सामना किया है.’ उन्होंने कहा ,‘एक अनुभवी ओलंपियन होने के नाते भारत सरकार ने मुझे राष्ट्रीय पर्यवेक्षक बनाया लेकिन अब लोग कह रहे हैं कि मैं सक्रिय खिलाड़ी हूं और राष्ट्रमंडल खेल तथा एशियाई खेलों की तैयारी कर रहा हूं.’


अपने पेशेवर कैरियर पर ही ध्यान
इसके साथ ही अखिल ने कहा, ‘उनकी सूचना के लिए मैं बता दूं कि मैने एशियाई खेल 2014 के बाद से किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग नहीं लिया है. मैं अपने पेशेवर कैरियर पर ही ध्यान दे रहा हूं.’ उन्होंने कहा, ‘मेरा काम भारतीय और विदेशी कोचों और राष्ट्रीय शिविर में भाग लेने वालों के प्रदर्शन की समीक्षा करना और रिपोर्ट देना है. मैं राष्ट्रीय शिविर का हिस्सा नहीं हूं.’