Paris Olympics 2024 : क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान की रेसलर से हारीं रीतिका, खेल सकती हैं ब्रॉन्ज मेडल मैच
पेरिस ओलंपिक महिला कुश्ती के 76 किग्रा वर्ग में भारत की रीतिका हुड्डा को क्वार्टर फाइनल में हार मिली है. किर्गिस्तान की रेसलर ऐपेरी मेडेट कीजी से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई.
Reetika Hooda vs Aiperi Medet Kyzy : पेरिस ओलंपिक महिला कुश्ती के 76 किग्रा वर्ग में भारत की रीतिका हुड्डा को क्वार्टर फाइनल में हार मिली है. किर्गिस्तान की रेसलर ऐपेरी मेडेट कीजी से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. रीतिका ने शानदार कुश्ती दिखाते हुए खुद को मुकाबले में बनाए रखा, लेकिन अंत में 3-1 से हार गईं. शीर्ष वरीयता वाली किर्गिस्तानी रेसलर ने मुकाबले में अंतिम अंक हासिल किया. मैच 1-1 से बराबरी पर समाप्त हुआ था. किर्गिस्तान की रेसलर ने दूसरे राउंड में के आखिरी में पॉइंट बनाकर रीतिका को हराया. रीतिका के पास अभी भी मौका है, क्योंकि वह रेपेचेज राउंड में जा सकती है और भारत को पेरिस ओलंपिक का एक और मेडल दिला सकती हैं.
प्री क्वार्टर फाइनल आसानी से जीता था
रीतिका हुड्डा ने पेरिस ओलंपिक महिला कुश्ती के 76 किग्रा वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में हंगरी की बर्नाडेट नैगी को शिकस्त देकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी. इस भारवर्ग में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली वह देश की पहली पहलवान भी हैं. 21 साल की रीतिका ने हंगरी की प्लेयर को 12-2 से टेक्निकल सुपीरियॉरिटी के आधार पर हराया. रीतिका पहले राउंड में 4-0 से आगे थीं, लेकिन उन्होंने दूसरे राउंड में शानदार प्रदर्शन कर हंगरी की पहलवान को ज्यादा मौके नहीं दिए.
ऐसा रहा क्वार्टर फाइनल मैच
अपना पहला ओलंपिक खेल रही 21 साल की रीतिका ने शीर्ष वरीयता प्राप्त पहलवान को कड़ी टक्कर दी और शुरुआती राउंड में एक अंक की बढ़त बनाने में सफल रही. दूसरे राउंड में रीतिका ने कड़ी टक्कर देने के बावजूद 'पैसिविटी (अति रक्षात्मक रवैया)' के कारण एक अंक गंवाया, जो इस मैच का आखिरी अंक साबित हुआ. नियमों के अनुसार मुकाबला बराबर रहने पर आखिरी अंक बनाने वाले खिलाड़ी को विजेता घोषित किया जाता है. किर्गिस्तान की पहलवान अगर फाइनल में पहुंचती है तो रीतिका के पास रेपेचेज से कांस्य पदक हासिल करने का मौका होगा.
अमन ने दिलाया ब्रॉन्ज
अमन सेहरावत ने पेरिस ओलंपिक में कुश्ती में भारत को पहला मेडल दिलाते हुए शुक्रवार को 57 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग के ब्रॉन्ज दिलाया. उन्होंने पुएर्तो रिको के डारियन तोइ क्रूज को अंकों के आधार पर 13-5 से हराया. 21 साल के अंडर 23 वर्ल्ड चैम्पियन अमन सेमीफाइनल में जापान के रेइ हिगुची से 0-10 से हार गए थे. वह पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले भारत के एकमात्र पुरूष पहलवान थे और उन्होंने निराश नहीं किया. भारत ने 2008 के बाद से हर ओलंपिक में कुश्ती में मेडल जीता है और यह सिलसिला अमन ने जारी रखा. सुशील कुमार ने बीजिंग (2008) में ब्रॉन्ज, योगेश्वर दत्त ने लंदन (2012) में, साक्षी मलिक ने रियो (2016) ने ब्रॉन्ज, रवि दहिया और बजरंग पूनिया ने टोक्यो 2021 में क्रमश: सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीते.