फैंस का इंतजार खत्म, इस दिन से शुरू होगा कबड्डी का महासंग्राम
आयोजकों ने मेजबान के तौर पर अहमदाबाद और जयपुर के नाम पर भी विचार किया लेकिन आखिर में बेंगलुरू को मेजबानी सौंपने का निर्णय किया. इसके लिए सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए जैव सुरक्षित वातावरण (बायो बबल) तैयार किया जाएगा.
नई दिल्ली: प्रो कबड्डी लीग (PKL) के आठवें सत्र का आयोजन दो साल के इंतजार के बाद 22 दिसंबर से बेंगलुरू में किया जाएगा लेकिन इसमें दर्शकों को आने की अनुमति नहीं होगी. पीकेएल के आयोजक मशाल स्पोर्ट्स की यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार खिलाड़ियों और हितधारकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए दर्शकों के बिना टूर्नामेंट का आयोजन करवाने का फैसला किया गया है. कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में इस लीग का आयोजन नहीं हो पाया था. इसमें कहा गया है, 'लीग का आयोजन दर्शकों के बिना एक ही स्थान पर किया जाएगा जो पिछले सत्र के पारंपरिक स्वरूप से हटकर होगा. पीकेएल की वापसी भारत में आपसी संपर्क वाले इंडोर खेलों को फिर से शुरू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा.'
बायो बबल में होगा PKL
आयोजकों ने मेजबान के तौर पर अहमदाबाद और जयपुर के नाम पर भी विचार किया लेकिन आखिर में बेंगलुरू को मेजबानी सौंपने का निर्णय किया. इसके लिए सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए जैव सुरक्षित वातावरण (बायो बबल) तैयार किया जाएगा.
कहां होगा और कितनी टीमें होंगी
पीकेएल में 12 टीमें भाग लेंगी. इसके लिए खिलाड़ियों की नीलामी अगस्त में की गई थी. लीग के आयुक्त और मशाल स्पोर्ट्स के मुख्य कार्यकारी अनुपम गोस्वामी ने कहा, 'हमें खुशी है कि प्रो कबड्डी लीग के आठवें सत्र की मेजबानी कर्नाटक करेगा. बेंगलुरू में सुरक्षा के तमाम उपायों के साथ बड़ी खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए सभी तरह की सुविधाएं हैं. हम पीकेएल के आठवें सत्र को लेकर उत्सुक हैं.'
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने लीग को हर संभव सहायता देने का वादा किया. उन्होंने कहा, 'कबड्डी भारत का एक वास्तविक स्वदेशी खेल है और कर्नाटक में बेहद लोकप्रिय है. हम अपने राज्य में आगामी प्रो कबड्डी के आयोजन का स्वागत और समर्थन करते हैं.'
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