नई दिल्ली : पंद्रह साल की लड़की को यूक्रेन में बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भाग लेने जाना था लेकिन उसका पासपोर्ट नहीं आया था. उसके स्थानीय पासपोर्ट आवेदन की फोटो भी ट्विटर पर पोस्ट कर दी गई थी. इस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मामले का संज्ञान लिया और अपनी तरफ से पहल कर डाली और राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता झूमर से कहा कि उसे देश के लिए मेडल लाने का वादा करना होगा और फिर लड़की को पासपोर्ट मिल गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लेकिन झलक को अपना वादा याद रहा और 15 साल की इस बॉक्सर ने 54 किलोग्राम के वर्ग में यूक्रेन के नादविर्ना शहर में आयोजित वालेरिया देम्यानोवा मेमोरियल टूर्नामेंट में रजत पदक जीत कर वादा पूरा कर ही लिया.


अश्विन-जडेजा से कुलदीप और अपनी तुलना ठीक नहीं मानते चहल


सुषमा ने झलक को खासतौर पर बधाई दी.



टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन भी शानदार रहा भारत ने कुल चार स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य मेडल जीते. अरूंधति चौधरी ने 60 किलोग्राम वर्ग, मितिका गुनेले ने 66 किलाग्राम वर्ग में और राज साहिबा ने 70 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण अपने नाम किए. 


वहीं झलक के अलावा संजीता ने 48 किलोग्राम वर्ग में लिपाक्षी ने 81+ किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीते जबकि एकमात्र कांस्यपदक मोनिका बाग्गु ने 63 किलोग्राम वर्ग में अपने नाम किया.