नई दिल्ली : मणिपुर की मीराबाई चानू ने गुरुवार को देश को ऐतिहासिक कामयाबी दिलाई. करीब 20 साल बाद उन्होंने अमेरिका में हुई वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत को गोल्ड दिला दिया. उनसे पहले भारत की ओर से कारनामा ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली कर्णम मल्लेश्वरी ने किया था. कर्णम ने ये पदक 22 साल पहले ये जीता था. मणिपुर में इंफाल ईस्ट की रहने वाली सैखोम मीरा बाई चानू ने 48 किलो वर्ग में ये कारनामा किया. मीरा बाई ने इसके साथ ही मल्लेश्वरी का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया.


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8 अगस्त 1994 को जन्मी मीरा मूलत: मणिपुर की हैं. 2007 में उन्होंने खेलों में अपना सफर शुरू किया. शुरुआत उन्होंने इंफाल के खुमन लंपक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से की. वह अपना प्रेरणास्रोत कुंजारानी देवी को मानती हैं.



मीराबाई ने इस इवेंट में नया नेशनल रिकॉर्ड भी कायम कर दिया. मीरा ने इवेंट में कुल 194 किलोग्राम वजन उठाया. इसमें उन्होंने 85 स्नेच में और 109 किलो क्लीन एंड जर्क में उठाया. मीरा ने 2016 साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड मैडली जीता था. 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलोग्राम केटेगरी में सिल्वर मैडल अपने नाम किया.



2011 में यूथ चैंपियनशिप में गोल्ड जीता. गुवाहाटी में हुई जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में बेस्ट लिफ्टर का खिताब अपने नाम किया.उनकी इस कामयाबी पर पूरा देश खुश है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें इस कामयाबी पर बधाई दी गई है. 23 वर्षीय चानू भारतीय रेलवे में काम करती हैं.


दो दशक बाद किसी भारतीय ने वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग में जीता गोल्ड, छलके आंसू


चानू रियो ओलंपिक में तीनों प्रयासों में नाकाम रही थी और 12 भारोत्तोलकों में वह स्पर्धा पूरी नहीं कर पाने वाली दो में से एक थी.