नई दिल्ली: एल. सरिता देवी (60 किग्रा) और मनीषा मोन (54 किग्रा) ने 10वीं आईबा विश्व महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप के प्री क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर लिया है. एल. सरिता देवी ने शुक्रवार को केडी जाधव हाल में खेले गए मैच के दूसरे दौर में स्विट्जरलैंड की डायना सांड्रा ब्रुगर को 4-0 से हराया. अब उनका सामना रविवार (18 नवंबर) को आयरलैंड की एने हैरिंगटन से होगा. हैरिंगटन ने न्यूजीलैंड की ट्राय गार्टन को हराकर प्री क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई. 


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भारतीय बेंथमवेट बॉक्सर मनीषा मोन ने शुरुआती दौर के मुकाबले में अमेरिका की क्रिस्टीना क्रूज पर 5-0 से शानदार जीत दर्ज कर प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया. क्रूज 2016 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता हैं. मनीषा अब क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के लिए 18 नवंबर को कजाकिस्तान की डिना जोलामैन से भिड़ेंगी, जिन्होंने मिजुकी हिरूता को 4-1 से मात दी. दोपहर के सत्र का सबसे दिलचस्प मुकाबला लाइटवेट (60 किग्रा) में ऑस्ट्रेलिया की अंजा स्ट्राइड्समैन और फिनलैंड की मीरा पोटकोनेन के बीच रही. अंजा कॉमनवेल्थ गेम्स की चैंपियन हैं. जबकि, पोटकोनेन टॉप सीड बॉक्सर हैं. दोनों मुक्केबाज उम्मीद के मुताबिक बराबरी पर लग रही थी, लेकिन जीत मीरा को मिली.

कजाकिस्तान की डिना जोलामैन 2016 विश्व चैम्पियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता हैं. उनसे मुकाबले के बारे में हरियाणा की मनीषा ने कहा, ‘मुझे खुशी हो रही है कि मैंने पहले दौर की बाधा पार कर ली. अगले दौर का मुकाबला मेरे लिए और ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगी क्योंकि वह विश्व चैम्पियन रह चुकी है, लेकिन मैं इसके लिये भी तैयार हूं.’ मनीषा इस साल फॉर्म में हैं. वे इंडिया ओपन में स्वर्ण पदक जीतने के बाद दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी पोडियम स्थान हासिल कर चुकी हैं. 

ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स की कांस्य विजेता पिंकी रानी (51 किग्रा) पहले मुकाबले में शनिवार को आर्मेनिया की अनुश ग्रिगोरयान के सामने होंगी. जबकि, सोनिया (57 किग्रा) मोरक्को की डोआ टोयूजानी से भिड़ेंगी, जिन्होंने गुरुवार को सोमालिया की रमाला अली को शिकस्त दी. रमाला अपने देश की पहली मुक्केबाज हैं, जिसने विश्व चैंपियनशिप में शिरकत की थी. लाइट वेल्टरवेट (64 किग्रा) में सिमरनजीत कौर प्री क्वार्टर फाइनल में स्थान सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका की अमेलिया मूर के सामने होंगी. 

सरिता ने मणिपुर को समर्पित की जीत 
सरिता ने भी अपने अनुभव और दर्शकों की उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, ‘मैं पहले दौर में थोड़ी सतर्क रही, लेकिन दूसरे और तीसरे में मैंने अपर गार्ड से जवाबी हमले किए. घरेलू दर्शकों के होने का थोड़ा दबाव भी है लेकिन इससे प्रेरणा मिलती है.’ सरिता ने इस जीत को मणिपुर के लोगों को समर्पित करते हुए कहा, ‘2014 में एशियन गेम्स में जो विवाद हुआ था, उसमें मुझे जुर्माना भरना था. इसके लिए मणिपुर के लोगों ने पैसा इकटठा किया था. मुझे दोबारा खेलने की हिम्मत दी थी. उन्हें यह जीत समर्पित करती हूं.’ भारत में जब पिछली बार विश्व चैम्पियनशिप हुई थी, तब सरिता ने गोल्ड मेडल जीता था.