Hotel Rating: हम जब भी कहीं जाते हैं और उस जगह ठहरने के लिए होटल रूम की बुकिंग करवाते हैं तो सबसे पहले अपने बजट देखते हैं. ऑनलाइन हम होटल की सुविधाएं और रिव्‍यूज भी चेक करते हैं. उसके बाद होटल की रेटिंग देखकर ही कमरा बुक करते हैं.


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इन रेटिंग्‍स के हिसाब से इन होटल्‍स में ठहरने की कीमत और सुविधाएं भी दी जाती हैं,  क्योंकि यह तो सभी को पता होता है कि जितने कम स्‍टार्स, उतनी कम सुविधाएं, लेकिन क्या आपको पता है कि कितने स्‍टार वाले होटल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती हैं और होटल्‍स की रेटिंग कैसे और कौन तय करता है? यहां जानिए.. 


One Star
वन स्टार होटल आसानी से अफोर्ड किया जा सकता. इस होटल के रूम का साइज छोटा होता है. इनकी कीमत बहुत कम और रहने की व्‍यवस्‍था एकदम साधारण होती है. 


Two Star
ये सुविधाओं के मामले में वन स्‍टार होटल रूम से कुछ बेहतर होते हैं. टू स्टार होटल रूम का साइज थोड़ा बड़ा हो सकता है. इसमें एक रात रुकने के लिए आपको 1,000 रुपये से 1,500 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. 


Three Star
थ्री स्‍टार होटल का रूम साइज बड़ा होता है. इन कमरों में एसी, पार्किंग और वाईफाई की सुविधा दी जाती है. दरवाजों में फिटेड लॉक होते हैं. इस होटल का किराया 1,700 से 2,000 रुपये तक हो सकता है.


Four Star 
फोर स्‍टार होटल में सुइट रूम होते हैं. बाथरूम में बाथटब समेत सभी लग्जरी फैसिलिटी होती हैं. इसके अलावा आपको यहां वाईफाई, मिनी बार, मिनी फ्रिज, मॉर्निंग कॉम्प्लिमेंट्री नाश्ता आदि सुविधाएं दी जाती हैं.


Five Star
फाइव स्‍टार होटल्‍स में गेस्ट के आरामदायक स्टे और लग्जरी फैसिलिटी का विशेष खयाल रखा जाता है. यहां मेहमानों को मल्टी क्लास सुविधाएं मिलती हैं. कमरे काफी बड़े होते है. इन होटल्‍स में जिम, स्विमिंग पूल जैसी तमाम सुविधाएं अवेलेबल होती हैं.


कौन देता है रेटिंग
मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म के अधीन होटल एंड रेस्टोरेंट अप्रूवल एंड क्लासिफेक्शन कमेटी होती है, जो होटल्स को सुविधाओं के हिसाब से स्टार रेटिंग देती है. इस कमेटी के दो विंग होते हैं, जिसमें से एक विंग 1 से 3 स्टार और दूसरी विंग 4 और 5 स्टार रेटिंग के मामले देखती है. हालांकि, आजकल होटल्‍स अपने हिसाब से ही स्‍टार रेटिंग क्‍लेम करने लगे हैं.


ऐसे तय होती है स्टार रेटिंग
एक एक पैरामीटर पर होटल की रेटिंग तय की जाती है. होटल द्वारा रेटिंग के लिए अप्‍लाई करने के बाद एक कमेटी की टीम विजिट करके होटल की सुविधाएं देकती हैं. साफ-सफाई, अन्य सुविधाएं, रूम के साइज, एसेसरीज और गाइडलाइन्‍स के मुताबिक तमाम पैरामीटर्स पर इन सुविधाओं को परखती है. इसके बाद होटल को रेटिंग दी जाती है.