Know About Rohit Modi: देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी सीएसई के लिए तैयारी करते हैं और इस एग्जाम में बैठते हैं. इस परीक्षा को पास करने वाले एस्पिरेंट का प्रतिशत बहुत ही कम है. हर उम्मीदवार IAS ऑफिसर बनने का ख्वाब लिए दिन-रात मेहनत करता है, जिनमें से कुछ लोग अपने सपने को हकीकत में बदल पाते हैं. यूपीएससी क्लियर करना बहुत ही शान की बात है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हमारे सामने कई ऐसे उदाहरण हैं, जिन्होंने अपनी प्राइवेट नौकरी या अच्छा खासा बिजनेस छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की और अपनी सपना पूरा किया, लेकिन आज जानेंगे उस आईएएस अधिकारी की कहानी, जिन्होंने आईएएस जैसी प्रतिष्ठित और पावरफुल सरकारी नौकरी को छोड़कर प्राइवेट जॉब को चुना. हम बात कर रहे हैं रोहित मोदी के बारे में...


1985 बैच के आईएएस रहे हैं रोहित 
आपको जानकर हैरानी होगी कि 14 साल तक आईएएस ऑफिसर के तौर पर काम करने के बाद रोहित मोदी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कलेक्टर के तौर पर 14 साल तक विभिन्न जिलों में काम करने के बाद उन्होंने ऐसा फैसला लिया जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर दे, उन्होंने पावरफुल गवर्नमेंट जॉब को ठुकराकर प्राइवेट सेक्टर में जाने का मन बना लिया. साल 1985 बैच के आईएएस रोहित मोदी इस्तीफा देने के बाद कई प्राइवेट कंपनियों में सीईओ के पद पर काम कर चुके हैं. 


कुछ नया करने के जज्बे ने दिया हौसला
जयपुर राजस्थान से स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले रोहित ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और 1985 में उनका चयन आईएएस अधिकारी के तौर पर हुआ. 14 साल तक वह कभी शहरी विकास, कपड़ा, उद्योग, वित्त, कोयला जैसे विभागों में कार्यरत रहे. सब ठीक चल रहा था, लेकिन अचानक उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला लेते हुए साल 1999 में इस्तीफा दे दिया. 


प्राइवेट सेक्टर में भी कमाया नाम
इस फैसले को लेकर परिवार और दोस्त सब हौरान थे, लेकिन वह पहले से इसके लिए तैयार थे. उन्होंने तैयारी कर रखी थी और रोहित ने प्राइवेट सेक्टर में भी अपना नाम का बिगुल बजाया. उन्होंने बड़ी-बड़ी प्रतिष्ठित कंपनियों में टॉप पोजिशन पर काम किया.


जानकारी के मुताबिक वह देश की प्रतिष्ठित बड़ी-बड़ी कंपनियों जैसे सुजलॉन एनर्जी, महिंद्रा इंडस्ट्रियल पार्क, एलएंडटी आईडीपीएल, तमिलनाडु रोड डेवलपमेंट कंपनी, गैमन इंडिया, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी ऑफ राजस्थान और एस्सेल इंफ्रा प्रोजेक्ट्स और स्मार्ट यूटिलिटीज में सीईओ रह चुके हैं.