Sea Water Lamp: दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां बिजली की समस्या है, ऐसे देशों में रात के समय में आज भी लोगों को अंधेरे में रहना पड़ता है. ऐसे ही देशों की मदद करने के लिए कोलम्बियाई पावर स्टार्ट-अप ई-डीना ने एक ऐसी तकनीक खोजी है जिसका इस्तेमाल करके पानी से भी पावर तैयार की जा सकती है और इसका इस्तेमाल करके लाइटिंग की समस्या को पूरी तरह से दूर किया जा सकता है. दरअसल इस स्टार्ट-अप ने वाटरलाइट (Waterlight) तैयार की है जिसमें आपको बस पानी भरना होता है और इतना करने भर से ही रोशनी आने लगती है. ऐसा कैसे हो सकता है अगर इस बारे में आपके मन में सवाल हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं. 


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कैसे करता है काम 


आपको बता दें कि पोर्टेबल डिवाइस है जिसे सिर्फ आधा लीटर समुद्री पानी की जरूरत होती है और इसकी दौलत ही ये लाइट जला सकता है. ये लाइट पूरे 45 दिनों तक जल सकती है जिसका मतलब ये हुआ कि बिजली ना होने के बावजूद भी 45 दिनों तक बिना रुके घरों में रोशनी मिलती रहेगी. ये तकनीक इस टेक्नीक का इस्तेमाल एमरजेंसी में यूरिन से भी किया जा सकता है, हालांकि समुद्री पानी ही इसके लिए काफी है. ये तकनीक सोलर लैम्प से बेहतर है क्योंकि इसमें दिन और रात की फ़िक्र किए बगैर आप एनर्जी जेनरेट कर सकते हैं. 


यह कैसे काम करती है ये तकनीक 


वाटरलाइट आयनीकरण नामक एक रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से काम करती है जिसके बाद बिजली बनाई जाती है और इससे लाइट जलती है. आपको बता दें कि समुद्री पानी को जब इलेक्ट्रोलाइट्स डिवाइस के भीतर मैग्नीशियम के संपर्क में लाया जाता है तो इससे रिऐक्शन होता है और ये एक मिनी पावर जनरेटर के रूप में कार्य करता है, इसकी मदद से आप अपने स्मार्टफोन समेत कुछ अन्य डिवाइसेज को भी चार्ज कर सकते हैं. 


वाटरलाइट डिवाइस वॉटरप्रूफ है और इसे रीसाइकल मटीरियल से तैयार किया गया है. इस लैंप की लाइफ लगभग 5,600 घंटे है, जो कुछ सालों तक इस्तेमाल के बराबर है. इस तकनीक की बदौलत दुनिया के ऐसे इलाकों में बिजली सप्लाई की जा सकती है जहां पर बिजली पहुंचाई ही नहीं जा सकती है. ये तकनीक हजारों परिवारों के घरों को रोशन कर रही है. इस लाइटिंग का इस्तेमाल करके दुनियाभर के ऐसे घरों में रोशनी पहुंचाई जा सकती है जहां पर बिजली अभी तक पहुंच ही नहीं पाई है और अंधेरे की समस्या को दूर किया जा सकता है.