Artificial Intelligence: 2024 वो साल है जब दफ्तरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. माइक्रोसॉफ्ट और लिंक्डइन की रिपोर्ट "2024 वर्क ट्रेंड इंडेक्स एनुअल रिपोर्ट" के मुताबिक पिछले 6 महीनों में ही जनरेटिव AI का इस्तेमाल दोगुना से भी ज्यादा हो गया है. दुनियाभर में अब 75% कर्मचारी इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भी 92% कर्मचारी ऑफिस में AI का सहारा ले रहे हैं.


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दिलचस्प बात ये है कि कर्मचारी खुद भी अपने काम को आसान बनाने के लिए AI टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. रिपोर्ट कहती है कि 72% भारतीय AI यूजर्स अपने खुद के AI टूल्स (BYOAI) दफ्तर ला रहे हैं. हालांकि, कंपनी के लीडर्स भी मानते हैं कि भविष्य में कामयाबी के लिए AI जरूरी है. लेकिन उनकी चिंता ये है कि अभी तक ज्यादातर कंपनियों के पास कोई स्पष्ट रणनीति नहीं है कि AI का इस्तेमाल कैसे बिजनेस को बढ़ावा दे सकता है. जल्द फायदा दिखाने के दबाव की वजह से भी लीडर्स AI को अपनाने में हिचकिचा रहे हैं.


AI दफ्तरों में कैसे अहम बन गया है?


आजकल ऑफिसों में जितनी तेजी से AI को अपनाया जा रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में अभी 75% लोग अपने रोजमर्रा के कामों में AI का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें से 46% लोगों ने पिछले 6 महीनों में ही इसे अपनाया है. साथ ही रिपोर्ट यह भी बताती है कि 90% यूजर्स का मानना है कि AI उन्हें समय बचाने में मदद करता है. 85% लोगों का कहना है कि AI उन्हें सबसे जरूरी कामों पर ध्यान लगाने में मदद करता है. 84% लोगों को लगता है कि AI उनकी क्रिएटिविटी बढ़ाता है और 83% कर्मचारी AI की वजह से अपने काम को ज्यादा एन्जॉय करते हैं.


BYOAI दफ्तरों का नया ट्रेंड


कंपनी के ऊपरी स्तर से दिशा-निर्देश न मिलने पर कर्मचारी खुद ही अपने काम को आसान बनाने के लिए AI टूल्स ला रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 78% AI यूजर्स ऐसा कर रहे हैं. खासकर छोटी और मीडियम कंपनियों (80%) में ये चलन ज्यादा है. रिपोर्ट ये भी कहती है कि ये ट्रेंड हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक 68% कर्मचारी काम के बोझ से परेशान हैं, जिसकी वजह से उनका काम छूटने का भी खतरा रहता है. दफ्तर के काम में बातचीत सबसे ज्यादा होती है, रिपोर्ट बताती है कि 85% ईमेल को 15 सेकंड से भी कम समय में पढ़ लिया जाता है.