नई दिल्ली : भारती समूह की कंपनी इंडो टेलीपोर्ट्स (Indo Teleports) ने घरेलू और विदेशी विमानों में उड़ान के दौरान कॉलिंग और डाटा सर्विस देने के लाइसेंस के लिए आवेदन किया है. सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है. मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारती एयरटेल की सहयोगी कंपनी इंडो टेलीपोर्ट्स ने उक्त लाइसेंस के लिए दूरसंचार विभाग के पास आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि आवेदन अभी विचाराधीन है. हालांकि एयरटेल की तरफ से इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है.


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छह मार्च को लाइसेंस मिलने की घोषणा
पिछले महीने ह्यूज्स कम्यूनिकेशन इंडिया देश में इन-फ्लाइट एंड मैरीटाइम कनेक्टिविटी (आईएफएमसी) लाइसेंस पाने वाली पहली कंपनी बनी. नील्को की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी टाटानेट सर्विसेज ने भी छह मार्च को इसका लाइसेंस मिलने की घोषणा की. सरकार ने आईएफएमसी लाइसेंस के बारे में पिछले साल दिसंबर में अधिसूचना जारी की थी. आईएफएमसी लाइसेंस के बाद यात्री फ्लाइट में यात्रा करने के दौरान वॉयस कॉलिंग, डाटा और वीडियो सर्विस की सुविधा का फायदा उठा सकते हैं.



नीलको की तरफ से कहा गया कि यात्री सेटेलाइट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर क्रूज में भी बातचीत कर सकते हैं. यूरोकंसल्ट के अनुसार 23 हजार से ज्यादा कामर्शियल एयरक्रॉफ्ट में साल 2027 तक यात्रियों को कनेक्टिविटी मिलनी शुरू हो जाएगी. दरअसल जिन कंपनियों को हवाई जहाज में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा देनी होती है, उन्हें इसके लिए अलग से लाइसेंस लेना होता है.


(इनपुट एजेंसी से भी)