भारत रुकवा सकता है रूस-यूक्रेन की जंग, PM मोदी में है ताकत, इटली प्रधानमंत्री मेलोनी को क्यों है ये भरोसा?
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भारत रुकवा सकता है रूस-यूक्रेन की जंग, PM मोदी में है ताकत, इटली प्रधानमंत्री मेलोनी को क्यों है ये भरोसा?

Italian PM Meloni role India in resolving Russia-Ukraine conflict: रूस-यूक्रेन जंग 30 महीने से जारी है, अभी तक कोई हल नहीं निकला है, इसी बीच इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का बड़ा बयान सामने आया है, उनका कहना है कि भारत अगर चाहे तो यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग को भारत रुकवा सकता है, इसके पहले पुतिन ने भी कुछ ऐसा ही कहा था. 

भारत रुकवा सकता है रूस-यूक्रेन की जंग, PM मोदी में है ताकत, इटली प्रधानमंत्री मेलोनी को क्यों है ये भरोसा?

Russia-Ukraine conflict: रूस-यूक्रेन जंग को 3 साल से ज्यादा का समय हो गया है. इसके बावजूद इस जंग का अंत कोई अंत नजर नहीं आ रहा है. दुनिया के बड़े-बड़े देश इसको खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है. रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण जंग को रोकने के लिए अब पूरी दुनिया की नजर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर है.

पीएम मोदी पर सबकी नजरें
पीएम मोदी ही वो नेता है जो जंग के दौरान दोनों देशों के राष्ट्रपति से मिलते हैं. तस्वीरें सामने आती हैं. पूरी दुनिया को समझ आ जाता है कि पीएम मोदी के रिश्ते रूस और यूक्रेन दोनों से बेहतर हैं. तभी तो इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी बड़े बेबाकी से कह देती हैं कि भारत चाहे तो रूस और यूक्रेन के बीच जंग रुकवा सकता है.

इटली पीएम मेलोनी का दावा- भारत में है ताकत‌
यूरोपियन हाउस-एम्ब्रोसेटी (टीईएचए) के वार्षिक सम्मेलन के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात के बाद इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के समाधान में भारत और चीन भूमिका निभा सकते हैं. ‘फ्रांस 24’ की खबर के मुताबिक, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद एक सम्मेलन से इतर मेलोनी ने कहा, ‘‘मेरा मानना ​​है कि संघर्ष के समाधान में चीन और भारत की भूमिका होनी चाहिए. एकमात्र ऐसी चीज जो नहीं हो सकती, वह यह सोचना है कि यूक्रेन को अकेला छोड़कर संघर्ष का हल निकाला जा सकता है.’’

पुतिन के बाद अब मेलोनी का बयान
मेलोनी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को भारत का नाम उन तीन देशों में शामिल किया, जिनके साथ वह यूक्रेन संघर्ष को लेकर संपर्क में हैं और कहा है कि वे इस मुद्दे को सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं. एक अलग बयान में रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि भारत, यूक्रेन के साथ बातचीत को सुविधाजनक बनाने में भूमिका निभा सकता है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘‘पुतिन, जेलेंस्की और अमेरिका के साथ स्वतंत्र रूप से संवाद करते हैं.’’ 

जुलाई में मोदी ने पुतिन से की मुलाकात
जुलाई महीने में मॉस्को की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए समाधान खोजने के लिए रूसी राष्ट्रपति के साथ व्यापक चर्चा की थी. दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक मैत्री और अच्छे संबंधों का उल्लेख करते हुए पुतिन ने यूक्रेन में चल रहे संकट को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की पहल की भी सराहना की थी.

यूक्रेन के राष्ट्रपति से भी की थी मोदी ने मुलाकात
अगले महीने अगस्त में जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत और कूटनीति के जरिए चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत की सैद्धांतिक स्थिति और प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की थी. उन्होंने क्षेत्र में शांति की शीघ्र वापसी के लिए “सभी संभव तरीकों” से योगदान देने की भारत की तत्परता को भी दोहराया था.

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