Credit card scam: बैंक अपने क्रेडिट कार्ड्स का खूब प्रचार करते हैं क्योंकि इनसे उन्हें काफी कमाई होती है. कार्ड बेचने के लिए, बैंक अक्सर बाहर की एजेंसियों को हायर करते हैं और उन्हें हर कार्ड बेचने पर एक निश्चित राशि देते हैं. हालाँकि, अब क्रेडिट कार्ड्स के साथ एक नया धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड स्कैम के बारे में डिटेल में और कैसे ये काम करता है...


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कैसे काम करता है ये स्कैम?


क्योंकि भारत में डेटा प्राइवेसी के सख्त कानून नहीं हैं, इसलिए ये एजेंसियां अलग-अलग जगहों से आपकी निजी जानकारी जैसे नाम, पैन नंबर, और फोन नंबर इकट्ठा कर लेती हैं. फिर वे आपको कॉल करके नए क्रेडिट कार्ड पर बहुत ज्यादा लिमिट का लालच देते हैं. लेकिन जब आप सारे काम पूरे कर लेते हैं, तो असल में आपको बहुत कम लिमिट मिलती है.


उदाहरण के लिए, एक शख्स के पास कॉल आया. सामने वाले के पास कॉलर का नाम, फोन नंबर और पैन नंबर था, और उन्होंने 1 लाख रुपये की क्रेडिट लिमिट का वादा किया था. लेकिन जब उसने ने सारे काम पूरे कर लिए, तो उन्हें सिर्फ 50,000 रुपये की लिमिट वाला कार्ड मिला. 


कैसे क्रेडिट स्कोर होता है खराब?


कई बैंक और एजेंसियां ऐसे क्रेडिट कार्ड बेच रहे हैं, इसलिए सावधान रहें. ये आपके क्रेडिट स्कोर को खराब कर सकते हैं. जब आप क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं, तो यह एक तरह का लोन होता है. अगर आप ज्यादा खर्च करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है. उदाहरण के लिए, अगर आपकी लिमिट 20,000 रुपये है और आप 15,000 रुपये खर्च करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है.


इन एजेंसियों को नए कार्ड बेचने पर पैसे मिलते हैं, इसलिए वे लोगों को ज्यादा लिमिट देने का झांसा देते हैं. लेकिन जब लोग कार्ड लेते हैं, तो उन्हें बहुत कम लिमिट मिलती है, जिससे उनका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है. 


कैसे बचें इस स्कैम से?


इस तरह के धोखे से बचने के लिए, सीधे बैंक से ही नया क्रेडिट कार्ड लेना सबसे अच्छा है. बैंक आपको सही जानकारी देगा. अगर आपको किसी ऐसी एजेंसी ने धोखा दिया है, तो क्रेडिट कार्ड को एक्टिवेट न करें ताकि आपका क्रेडिट स्कोर खराब न हो.