भारत में साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से SMS के जरिए लोगों से पैसे ठगे जाने की कई कहानियां सामने आ चुकी हैं. हाल ही में कई न्यूज रिपोर्ट्स सामने आईं, जहां दावा किया गया था कि 6 लाख एचडीएफसी कस्टमर्स का डेटा डार्क वेब पर लीक हो गया था. प्राइवेसी अफेयर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स ने 'लोकप्रिय साइबर क्रिमिनल फोरम' पर कथित तौर पर 6 लाख लोगों की निजी जानकारियां पोस्ट की थीं. रिपोर्ट में कहा गया कि लीक में नाम, ईमेल एड्रेस, पता और संवेदनशील वित्तीय डेटा शामिल है. हैकर्स ने कथित तौर पर बैंक का फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाया और यूजर्स की शिकायतों का जवाब दिया. बैंक ने रिपोर्ट पर रिएक्शन दिया और डेटा ब्रीच के दावों का खंडन किया.


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HDFC बैंक ने कही यह बात


HDFC Bank ने ट्विटर पर डेटा लीक की खबरों का जवाब दिया और दावों का खंडन किया. उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा है, 'हाय, हम यह बताना चाहते हैं कि एचडीएफसी बैंक में कोई डेटा लीक नहीं हुआ है और हमारे सिस्टम को किसी भी अनधिकृत तरीके से भंग या एक्सेस नहीं किया गया है. हम अपने सिस्टम पर भरोसा रखते हैं. हमारे ग्राहकों की डेटा सुरक्षा का मामला पूरी गंभीरता के साथ है और हम डेटा सुरक्षा और सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए बैंक सिस्टम और हमारे पारिस्थितिक तंत्र की निगरानी करना जारी रखते हैं.'



HDFC Bank Scam


कई दिनों से HDFC बैंक स्कैम चल रहा है. कई यूजर्स ने इसकी शिकायत की है. बैंक ने ट्विटर पर भी इन शिकायतों का जवाब दिया है और यूजर्स से पैन कार्ड/केवाईसी अपडेट या कोई अन्य बैंकिंग जानकारी मांगने वाले अनजान नंबरों पर जवाब नहीं देने को कहा है. 


ऐसे रहें सावधान


HDFC Bank के सर्विस मैनेजर ने ट्वटिर पर लिखा, 'याद रखें, बैंक कभी भी पैन विवरण, ओटीपी, यूपीआई वीपीए / एमपीआईएन, ग्राहक आईडी और पासवर्ड, कार्ड नंबर, एटीएम पिन और सीवीवी नहीं मांगेगा. कृपया अपना गोपनीय विवरण किसी के साथ साझा न करें.'


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