एक 44 साल की महिला हाल ही में ई-सिम धोखाधड़ी का शिकार हुई हैं. उन्हें लगभग 27 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. शिकायत के बाद साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, सेक्टर 36, नोएडा में FIR कराई गई है. पुलिस ने गुरुवार (5 सितंबर) को भारतीय न्याय संहिता और आईटी अधिनियम के तहत धारा 318(4) (ठगी) और 319 (2) (व्यक्तिगत धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है.


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कैसे हुआ स्कैम?


सेक्टर 82 की रहने वाली ज्योत्सना भाटिया एक निजी कंपनी में काम करती हैं. उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें 31 अगस्त को एक टेलीकॉम कंपनी के कथित ग्राहक सेवा अधिकारी का व्हाट्सएप कॉल आया था. कॉलर ने उन्हें ई-सिम के नए फीचर्स के बारे में बताया और कहा कि अगर उनका फोन खो जाता है तो उन्हें ई-सिम को एक्टिव करना चाहिए. 


साइबर अपराध शाखा के थाना प्रभारी विजय कुमार गौतम ने कहा, 'आरोपी ने भाटिया से सिम के एप्लिकेशन में ई-सिम फीचर चुनने और संदेश पर प्राप्त कोड दर्ज करने को कहा। जैसे ही उन्होंने आरोपी के निर्देश का पालन किया, उनका मोबाइल नंबर तुरंत डिएक्टिवेट हो गया.' 


भाटिया को आश्वासन दिया गया कि 1 सितंबर को उन्हें नया सिम कार्ड डिलीवर किया जाएगा. थाना प्रभारी ने कहा, 'जब उन्हें 1 सितंबर को सिम कार्ड नहीं मिला, तो उन्होंने ग्राहक सेवा पर कॉल किया और उन्हें डुप्लीकेट सिम के लिए सर्विस सेंटर जाने का निर्देश दिया गया.'


उड़ गए 27 लाख रुपये


रिपोर्ट के अनुसार, तीन दिन बाद भाटिया को नया सिम मिला, लेकिन उन्हें बैंक से कई मैसेज मिले. FIR में उन्होंने आरोप लगाया कि 'आरोपी ने मेरे फिक्स्ड डिपॉजिट को तोड़ दिया, मेरे दो बैंक खातों से पैसा निकाल लिया, और बिना मेरी जानकारी के मेरे नाम से ₹7.40 लाख का लोन बढ़ा दिया.'