Laser Based Internet: भारत में कुछ समय बाद लेजर इंटरनेट सर्विस की धमाकेदार एंट्री होने जा रही है. Google की पेरेंट कंपनी Alphabet और भारती एयरटेल कोलैबरेशन में इस सर्विस पर काम कर रहे हैं. ये सर्विस हाई स्पीड इंटरनेट ऑफर करने में सक्षम है. इससे दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट की जोरदार कनेक्टिविटी भी मिलेगी. 


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क्या है लेजर आधारित इंटरनेट सर्विस 


लेजर इंटरनेट सर्विस एक प्रकार की वायरलेस इंटरनेट सेवा है जो लेजर बीम का उपयोग करके डेटा को भेजती है. यह पारंपरिक वाईफाई या फाइबर ऑप्टिक केबल की तुलना में अधिक तेज़ और विश्वसनीय है. लेजर इंटरनेट सेवा में, डेटा को एक छोटे से एंटीना से लेजर बीम में बदल दिया जाता है. लेजर बीम को फिर दूसरे एंटीना द्वारा प्राप्त किया जाता है और डेटा में वापस चेंज कर दिया जाता है.


क्यों है साधारण इंटरनेट सर्विस से बेहतर 


लेजर इंटरनेट सेवा के कई फायदे हैं. यह पारंपरिक वाईफाई और फाइबर ऑप्टिक केबल की तुलना में अधिक तेज़ है, जो इसे दूर-दराज के इलाकों में हाई स्पीड वाले इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करने के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है. लेजर इंटरनेट सेवा भी अधिक विश्वसनीय है, जो इसे उन क्षेत्रों में उपयोग करने के लिए आदर्श बनाता है जहां पारंपरिक वाईफाई और फाइबर ऑप्टिक केबल अस्थिर हो सकते हैं, जैसे कि शहरी क्षेत्रों में या जहां बहुत अधिक खराबी होती है.


कब तक हो सकती है भारत में लॉन्चिंग 


लेजर इंटरनेट सर्विस अभी शुरुआती दौर में है और भारत में इसे आने में कुछ साल का समय लग सकता है. हालांकि कुछ ऐसे देश हैं जहां पर इस सर्विस का इस्तेमाल काफी समय से किया जा रहा है. 


इन देशों में पहले से मिल रही लेजर इंटरनेट सर्विस 


लेजर इंटरनेट सर्विस ऑस्ट्रेलिया, केन्या और फिजी समेत 13 देशों में पहले से ही इस्तेमाल की जा रही है. अब भारत भी इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए नजर आ रहा है. इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और इंडस्ट्रीज सेक्टर को काफी बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है. जानकारी के अनुसार लेजर तकनीक को शुरू करने के लिए ट्रैफिक लाइट के आकार के उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है जो डेटा ले जाता है.