टेक जाइंट कंपनी Google अपनी ऑपरेटिंग सिस्टम की रणनीति में बड़ा बदलाव कर सकती है. गूगल एक स्ट्रैटजी के तहत ऐप्पल के आईपैड को टक्कर देने के लिए क्रोम ओएस को एंड्रॉइड में पूरी तरह से इंटीग्रेट करने पर काम कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक यह कदम गूगल की ऑपरेटिंग सिस्टम रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है. हो सकता है कि इससे क्रोम ओएस को एक स्टैंडअलोन प्लेटफॉर्म के रूप में खत्म कर दिया जाए.  


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एंड्रॉयड का डेस्कटॉप-ओरिएंटेड वर्जन 
एंड्रॉइड अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक भविष्य में Chromebook डिवाइस पर Chrome OS की जगह एंड्रॉयड का एक नया डेस्कटॉप-ओरिएंटेड वर्जन चलेगा. यह जून 2024 की घोषणा का एक विस्तार है, जिसमें क्रोम ओएस कुछ एंड्रॉइड कंपोनेंट्स को शामिल करेगा. 


कंपनी पहले से ही एक्सटेंशन सपोर्ट और लिनक्स कंपैटिबिलिटी के लिए एक नए क्रोम ब्राउजर को डेवलप करके ट्रांजिशन के लिए बेस तैयार कर रही है. डेवलपमेंट में डेस्कटॉप को ध्यान में रखकर बनाए गए फीचर्स में बेहतर एक्सटर्नल डिस्प्ले सपोर्ट, बेहतर कीबोर्ड और माउस इनपुट और कई डेस्कटॉप स्पेस शामिल हैं. 


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कंसोलिडेशन का उद्देश्य गूगल के डेवलपमेंट रीसोर्सेस को आसान करना है और प्रीमियम टैबलेट में ऐप्पल के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए एक ज्यादा यूनिफाइड प्लेटफॉर्म बनाना है. आईपैडओएस की मल्टीटास्किंग सीमाओं के बावजूद न तो क्रोम ओएस और न ही एंड्रॉइड आईपैड के साथ सफलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा कर पाया है. 


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एंड्रॉइड इकोसिस्टम को फायदा 
मर्जर से एंड्रॉइड के इकोसिस्टम को फायदा हो सकता है क्योंकि इससे इसके यूजर बेस का विस्तार होगा और ज्यादा डेवलपर्स आकर्षित होंगे. एक अलग रिपोर्ट से पता चलता है कि गूगल एक हाई-एंड पिक्सेल लैपटॉप पर भी काम कर रहा है जो नए डेस्कटॉप-ओरिएंटेड एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म को प्रदर्शित कर सकता है.