HMT (Hindustan Machine Tools) घड़ियों का निर्माण भारत में 1961 में शुरू हुआ था. HMT कंपनी को मशीन टूल्स उत्पादन के लिए जाना जाता है, लेकिन घड़ियों के निर्माण में भी कंपनी एक बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभर के सामने आई और सालों तक अपनी बादशाहत कायम रखी. भारत सरकार ने HMT कंपनी का निर्माण किया था. इसका मकसद देश में मशीन टूल्स उत्पादन के क्षेत्र में स्वायत्तता को बढ़ावा देना था. HMT ने तब से लेकर आज तक भारतीय बाजार में अपनी असली जगह बनायी है और यह एक प्रसिद्ध घड़ी ब्रांड है. HMT घड़ियां शानो-शौकत का प्रतीक मानी जाती थीं ऐसे में इन्हें पहनना हर किसी के लिए गर्व की बात थी. हालांकि देश में तैयार की जाने वाली HMT घड़ियां मार्केट से पूरी तरह से गायब हो गई. आज लोगों की जुबान पर HMT घड़ियों का नाम जरूर रहता है लेकिन HMT घड़ियां अपनी बादशाहत क्यों कायम नहीं रख पाईं इस बात पर सवाल अभी भी बरकरार है. 


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क्यों पॉपुलर थीं HMT की घड़ियां 


HMT (Hindustan Machine Tools) की घड़ियां भारत में बहुत लोकप्रिय रह चुकी हैं और उसके पीछे एक नहीं बल्कि तमाम कारण हैं जिनमें से कुछ के बारे में हम आपको बता देते हैं. 


भारतीय निर्माण: HMT घड़ियों का निर्माण भारत में होता रहा है और इसलिए यह भारत की स्थानीय कंपनियों में से एक है. भारत में लोग अपनी देशी कंपनियों को समर्थन करने को उत्सुक होते हैं और HMT घड़ियां इस दृष्टि से बहुत लोकप्रिय हैं.


उच्च गुणवत्ता: HMT घड़ियों की उच्च गुणवत्ता भी इसकी लोकप्रियता में एक बड़ा कारक है. HMT घड़ियों में स्पष्ट डिजाइन, हाई क्वॉलिटी यूजफुल एलिमेंट्स जैसे कि न्यूमेरिक डिस्प्ले, नियमित रूप से रखरखाव आदि शामिल होते हैं.


मूल्य: HMT घड़ियों की कीमत भी किसी के बजट में आसानी से फिट हो जाती थी और यही वजह है कि भारी संख्या में लोग इन्हें खरीदते थे और इनके लिए लोगों में जबरदस्त क्रेज दिखाई पड़ता था. 


HMT ने जवाहर लाल नेहरू के लिए बनाई थी पहली घड़ी  


आपको बता दें कि जापान की सिटीजन वॉच कंपनी के साथ साल 1961 में एचएमटी ऑडियो का प्रोडक्शन शुरू हुआ था. कंपनी की पहली घड़ी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के लिए तैयार की गई थी जिसका नाम जनता वॉच था. आपको बता दें कि एचएमटी की घड़ी यों को पहनना शान की बात मानी जाती थी. हालांकि एक दौर ऐसा भी आया जब एचएमटी कंपनी की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई थी घड़ियां बेचने में सब के पसीने छूट गए थे.


कैसे सिमट गया कंपनी का काम-काज


जैसे जैसे समय बीता भारत में अन्य स्मार्ट वॉच निर्माता कंपनियों की शुरुआत हुई साथ ही साथ टाटा ने अपनी टाइटन स्मार्ट वॉच ब्रांड को भी शुरू किया और इसमें भी एचएमटी की घड़ियों को टक्कर देना शुरू कर दिया. ऐसे में लगातार अन्य कंपनियों से मिल रहे कंपटीशन में एचएमटी को धीरे धीरे गिराना शुरू कर दिया और आखिरकार कंपनी की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि एचएमटी की घड़ियां बिकती हैं नहीं थी. एक समय था जब एचएमटी की घड़ियों को शानो शौकत का प्रतीक माना जाता था वही समय बीतने के साथ ही इन्हें पुरानी वॉच समझा जाने लगा और धीरे-धीरे करके इनकी बिक्री निम्न स्तर पर आ गई.