तमिलनाडु के सिविल इंजीनियर राज भगत ने गूगल मैप्स की मदद से अपने पिता का चोरी हुआ बैग और फोन बरामद कर लिया है. यह घटना तब हुई जब भगत के पिता नागरकोइल-काचेगुडा एक्सप्रेस से नागरकोइल से त्रिची की यात्रा कर रहे थे. तिरुनेलवेली जंक्शन पर ट्रेन से उतरने के बाद, एक सहयात्री ने उनका बैग और मोबाइल फोन छीन लिया. 


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लोकेशन शेयरिंग फीचर से पकड़ा गया चोर


चोरी का पता चलने के बाद, भगत के पिता ने अपने दोस्त के फोन से उनसे संपर्क किया. उनके पिता के फोन में लोकेशन शेयरिंग चालू थी, जिसकी मदद से भगत फोन की हरकत को ट्रैक कर पाए. जीपीएस डेटा से पता चला कि चोर दूसरी ट्रेन से नागरकोइल वापस जा रहा था. चोरी की चीजें वापस पाने के लिए भगत ने अपने दोस्त बाबी और रेलवे पुलिस की मदद से नागरकोइल स्टेशन पर चोर का पीछा किया. आखिरकार उन्हें पकड़ लिया गया और सामान वापस मिल गया.


पहले ऐसे दिया चकमा


भगत और उनकी टीम को भारी भीड़ का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्हें एक ऐसे शख्स को ढूंढना था जो काले बैग में भारतीय ट्रेड यूनियनों के केंद्र (सीटू) का लोगो लिए घूम रहा था. ये इसलिए जरूरी था क्योंकि भगत के पिता भी इसी यूनियन के सदस्य थे. चोर उन्हें पहले तो चकमा देकर भाग गया, पर गूगल मैप्स की मदद से वे उसे लगातार ट्रैक करते रहे और आखिरकार पकड़ ही लिया.


बाइक से किया पीछा


चोर को पकड़ने की कोशिश और भी तेज हो गई. भगत और उसके दोस्त बाइक पर चोर का पीछा करने लगे, नक्शे पर दिखाई गई जगह के करीब पहुंचते हुए. अचानक, वे खुद को चोर से केवल दो मीटर की दूरी पर पाते हैं, जिसे बैग पर CITU लोगो से पहचाना गया था. बस स्टैंड पर मौजूद लोगों की मदद से भगत और उसके दोस्त ने चोर को पकड़ लिया और उससे चुराया गया फोन और बैग वापस ले लिया.


चोर के पास मिलीं ये चीजें


चोर को पुलिस के हवाले कर दिया गया और उसके पास से और भी चोरी की चीज़ें मिलीं, जैसे चार्जर, ब्लूटूथ ईयरफोन, ट्रेन की चेन और ₹1,000 नकद. भगत इस पूरे मामले के इतनी जल्दी हल होने से खुश थे और उन्होंने टेक्नोलॉजी, आसपास के लोगों की मदद और पुलिस के अच्छे काम की सराहना की. उन्होंने बताया कि कैसे फोन ट्रैक करने और चोर के नागरकोइल (जो भगत का जाना-पहचाना इलाका था) से गुजरने की वजह से इतनी जल्दी सामान मिल पाया.