Microsoft China Staff to shift to iPhones: चीन में माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों के लिए एंड्रॉयड फोन पर रोक लगा दी है. इसका मतलब है कि अब सितंबर 2024 से वहां काम करने वाले लोगों को सिर्फ iPhone इस्तेमाल करने होंगे. ब्लूमबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट चीन ने अपने कर्मचारियों को भेजे गए इंटरनल मेमो में यह जानकारी दी. गौर करने वाली बात ये है कि यही आदेश हांगकांग स्थित माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस में भी लागू कर दिया गया है.


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कंपनी ही देगी आईफोन 15


रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट चीन के कर्मचारियों को ये बताया गया है कि जो भी कर्मचारी अभी एंड्रॉयड फ़ोन इस्तेमाल कर रहा है, उसे कंपनी ही एक iPhone 15 देगी. ये सिर्फ सैमसंग या गूगल जैसे विदेशी ब्रांड के फ़ोन पर ही नहीं, बल्कि चीन की कंपनियों जैसे Huawei या Xiaomi के फोन पर भी लागू होता है.  इसके लिए कंपनी अपने दफ्तरों में ही खास जगह बना रही है, जहां से कर्मचारी अपना नया iPhone ले सकेंगे.


चीन में गूगल प्ले स्टोर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता (हालांकि हांगकांग में ये चलता है), इसीलिए वहां माइक्रोसॉफ्ट ने ये बड़ा बदलाव किया है. चीन में एंड्रॉयड यूजर्स Huawei या Xiaomi जैसे कंपनियों के ऐप स्टोर इस्तेमाल करते हैं. लेकिन अब माइक्रॉसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों को इन ऐप स्टोर्स पर जाने से भी रोक दिया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 'अमेरिकी कंपनी जल्द ही चाहती है कि चीन में उसके कर्मचारी सिर्फ Apple के iPhone इस्तेमाल करें. दरअसल, ऑफिस के कंप्यूटर या फोन में लॉग इन करते समय अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए उन्हें iPhone की जरूरत होगी.'


ऐप्स का होगा आसानी से इस्तेमाल


iPhone पर Apple का अपना ऐप स्टोर होता है जो चीन में चलता है. इससे कर्मचारी आसानी से माइक्रोसॉफ्ट के ऐप्स इस्तेमाल कर पाएंगे, जैसे कि Microsoft Authenticator (पासवर्ड मैनेजर) और Identity Pass ऐप. मई 2024 में माइक्रोसॉफ्ट ने "पासकी" फीचर शुरू किया था. पासकी की मदद से ऐप्स को लॉग इन करने के लिए सिर्फ iPhone के फेस आईडी का इस्तेमाल किया जा सकेगा. यानी पारंपरिक पासवर्ड की जगह अब फेस जैसा सुरक्षित तरीका होगा.


साइबर सुरक्षा भी अहम कारण


माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों को एंड्रॉयड से iPhone पर स्विच करने का आदेश ऐसे वक्त में दिया है, जब कंपनी की साइबर सुरक्षा को लेकर काफी चिंता जताई जा रही है. इस साल की शुरुआत में, कंपनी ने बताया था कि रूस द्वारा समर्थित हैकर ग्रुप मिडनाइट ब्लिज़र्ड ने उन्हें अपना निशाना बनाया था.  इस हमले का मकसद जानकारी इकट्ठा करना था और इसने अमेरिकी सरकारी विभागों को भी प्रभावित किया था.  माइक्रोसॉफ्ट ने खुद अपने कुछ खास ग्राहकों को सूचित किया था कि इस हमले की वजह से उनके ईमेल को एक्सेस किया जा सकता है.