इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने एक बयान से बहस छेड़ दी है. उन्होंने सुझाव दिया कि आईटी कर्मचारियों के लिए नया वर्क कल्चर होना चाहिए. उन्होंने भारत के युवाओं को सुझाव दिया कि उनको हफ्ते में 70 घंटे वर्क मंत्र को अपनाना चाहिए. इसको लेकर मिले-जुले रिएक्शन्स मिले. कुछ लोग इसको लेकर चिंतित लगे तो किसी ने उनके विचारों का मजबूती से समर्थन किया. समर्थकों में उनकी पत्नी सुधा मूर्ति भी शामिल हो गई हैं. 


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सुधा मूर्ति ने कही ये बात


14वें टाटा लिट फेस्ट के लिए मुंबई में थीं. वहां उन्होंने नारायण मूर्ति के बयान पर रिएक्शन दिया. उन्होंने कहा कि नारायण मूर्ति मूर्ति दृढ़ता से जुनून और 'वास्तविक कड़ी मेहनत' में विश्वास करते हैं.


उन्होंने कहा- उन्होंने अपने करियर में हर हफ्ते 80 से 90 घंटे काम किया है. इसलिए हो सकता है कि वो पूरी तरह से समझ नहीं सकें कि नॉर्मल वर्किंग वीक कैसा लगता है. वो मेहनत पर विश्वास लगते हैं और इसी तरह उन्होंने अपना जीवन जिया है. उन्होंने अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है.


सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस


उन्होंने बयान से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. एक टेक सेवी ने 1999 में अपनी पहली सैलरी X पर शेयर किया. उन्होंने बताया कि उस वक्त उनको प्रति वर्ष 3.55 लाख रुपये (लगभग 29,000 रुपये प्रति माह) था. लेकिन वो हैरान तब हुईं. इंफोसेस 2023 में फ्रेशर्स को 3.72 लाख एनुअली देता है. यह डिबेट अब तक जारी है. यह सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक को टच करता है जो है वर्क लाइफ बैंलेस.