Gaming Industry Code of Conduct: भारत की गेमिंग कंपनियां और इंडस्ट्री बॉडीज जैसे ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) और ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF) मिलकर एक यूनिफाइड कोड ऑफ कंडक्ट बनाने की योजना बना रही हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस पहल का मकसद प्लेयर प्रोटेक्शन, एडिक्शन प्रिवेंशन और रिस्पॉन्सिबल गेमिंग प्रैक्टिसेस जैसे मुद्दों को संबोधित करना है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. 


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गेमिंग कंपनियों के लिए जरूरी 
प्रस्तावित कोड सभी गेमिंग कंपनियों के लिए विशिष्ट दिशानिर्देशों को रेखांकित करेगा, चाहे वे स्किल-बेस्ड गेम चलाते हों या चांस-बेस्ड गेम. यह उन नियमों से अलग है जो पिछले साल दिसंबर में बनाए गए थे. नया नियम ज्यादा सख्त होगा और सभी कंपनियों के लिए इसे मानना जरूरी होगा. 


इस नए नियम में कुछ खास बातें हैं


सख्त KYC नियम - गेम खेलने वालों की पहचान की जांच करना और नाबालिगों को गेम खेलने से रोकना.
गेमिंग और जुआ की लत रोकने के उपाय - जिम्मेदारी से गेम खेलने को बढ़ावा देना.
अन्य जिम्मेदारी से जुड़ी बातें - जैसे कि फेयर प्ले, ट्रांसपेरेंसी, और डेटा प्राइवेसी.


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भारत में तेजी से बढ़ रही गेमिंग इंडस्ट्री 


यह कदम ऐसे समय में आया है जब गेमिंग इंडस्ट्री अलग-अलग तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें हाई जीएसटी रेट और  अस्थिर नीतियां शामिल हैं. नए नियम बनाकर इंडस्ट्री इन बाधाओं को पार करने और एक स्थायी स्टेबल इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की उम्मीद करती है. भारत में गेमिंग इंडस्ट्री बहुत तेजी से बढ़ रही है और आने वाले सालों में लाखों नए गेमर्स जुड़ेंगे. इस इंडस्ट्री के लिए जिम्मेदारी से गेमिंग बहुत जरूरी है, ताकि यह आगे भी बढ़ती रहे. 


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