केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है. इसके पीछे कई शिकायतें हैं जो ऑनलाइन गेमिंग के संबंध में आ रही हैं. सरकार ने इस मामले में सख्ती बढ़ाने का निर्णय लिया है और नई गाइडलाइन जारी कर सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, तीन तरह के गेम्स को देश में प्रतिबंधित किया जा सकता है. यह नया कदम ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने और इसकी गतिविधियों पर प्रभाव डालने का प्रयास है.


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कौन से गेम होंगे बैन
यह संभव है कि सरकार सट्टेबाजी वाले गेम्स को प्रतिबंधित कर सके, क्योंकि इसमें पैसे की दौड़ और जुआ का तत्व शामिल होता है जो कुछ लोगों के लिए समस्या बन सकता है. वे गेम्स भी प्रतिबंधित किए जा सकते हैं जो लोगों को लत बना सकते हैं और उन्हें बार-बार खेलने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.


साथ ही, ऐप्स भी प्रतिबंधित किए जा सकते हैं जो देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरा पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा, सरकार बच्चों के गेमिंग समय को नियंत्रित करने के लिए नियम लागू कर सकती है, जिससे बच्चों को एक दिन में सिर्फ 3 से 4 घंटे तक ही गेमिंग करने की अनुमति मिले. इससे बच्चों का स्वास्थ्य और पढ़ाई पर अधिक ध्यान जा सकता है.


BGMI पर लगाया था बैन
भारत में गेमिंग का एक व्यापक स्मार्टफोन मार्केट है और इसका मार्केट वाणिज्यिक रूप से महत्वपूर्ण है. साल 2022 तक, भारत में गेमिंग का मार्केट कुल मान्यता प्राप्त कर चुका था और यह 135 अरब रुपये का हिस्सा बन चुका था. यहां तक कि 2025 तक, यह मार्केट 231 अरब रुपये तक पहुंचने की संभावना है. इससे पता चलता है कि भारत में गेमिंग उद्योग की महत्ता तेजी से बढ़ रही है.