Ola लाया नया Krutrim AI, जानिए क्या है और कैसे कर सकता है आपकी मदद
Ola Krutrim AI: ओला के मुताबिक कृत्रिम एआई एक पर्सनल असिस्टेंट है. ये आपके लिए कई तरह के काम कर सकता है और आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को आसान बना सकता है. आइए आपको कृत्रिम एआई के बारे में विस्तार से बताते हैं.
कुछ समय पहले भारतीय राइडशेयरिंग कंपनी ओला ने कृत्रिम एआई (Krutrim AI) को लॉन्च किया था, जिसे उन्होंने "भारत का अपना एआई" बताया था. इसे लॉन्च करते वक्त बताया गया था कि ये शुरुआती वर्जन है और आगे इसे और भी बेहतर बनाया जाएगा. ओला के मुताबिक कृत्रिम एआई एक पर्सनल असिस्टेंट है. ये आपके लिए कई तरह के काम कर सकता है और आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को आसान बना सकता है. साथ ही ये भारतीय संस्कृति और भावनाओं को भी ध्यान में रखेगा. ओला का लक्ष्य ऐसा एआई बनाना है जो खास भारतीय लोगों की जरूरतों को पूरा करे. कंपनी का दावा है कि कृत्रिम को उनकी खुद की तकनीक पर बनाया गया है.
कंपनी ने बताया कि ये AI असिस्टेंट उनके प्रोडक्ट्स की यात्रा और भारत का अपना AI बनाने की दिशा में पहला कदम है. लेकिन, कुछ यूजर्स को ये चैटबॉट खुद को OpenAI का बनाया हुआ लैंग्वेज मॉडल बता रहा है. बाद में ओला ने सफाई दी कि ये "डाटा लीक" की समस्या थी.
कृत्रिम असिस्टेंट कई तरह के क्रिएटिव कामों और जानकारी ढूंढने में आपकी मदद कर सकता है. आप इसकी मदद से ईमेल लिख सकते हैं, अपनी पसंद के विषयों पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, नए हुनर सीख सकते हैं, घूमने की योजना बना सकते हैं, नई रेसिपी सीख सकते हैं.
Krutrim AI क्या कर सकता है?
कृत्रिम की मदद से ओला का लक्ष्य है कि वो आम AI और भारतीय भाषाओं और संस्कृति के हिसाब से जरूरतों के बीच के फासले को पाट सके. कृत्रिम को विदेशी AI असिस्टेंट से अलग बताया जा रहा है. ये दावा करता है कि ये अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, मराठी, कन्नड़, बंगाली, गुजराती भाषा में काम कर सकता है.
टेक्नोलॉजी की बात करें तो कृत्रिम एआई एक ऐसे मॉडल पर काम करता है जिसे काफी बड़े डेटासेट पर ट्रेनिंग दी गई है. ओला के मुताबिक इस डेटासेट में टेक्स्ट और कोड की जानकारी शामिल है. साथ ही इसमें भारतीय भाषाओं, सामाजिक परिवेश, सांस्कृतिक संदर्भ आदि जैसी भारत से जुड़ी खास जानकारी भी शामिल है. इस डेटासेट को समझने और इस्तेमाल करने से ये एआई मॉडल छोटी-छोटी बातों को भी ध्यान में रख पाता है और ऐसे जवाब देता है जिनसे यूजर्स को जुड़ाव महसूस हो.
कंपनी का दावा है कि कृत्रिम एआई की खास बात ये है कि ये आप क्या कहना चाहते हैं उसे समझ सकता है. ज्यादातर एआई सिर्फ आपके शब्दों और संभावनाओं पर निर्भर करते हैं, लेकिन कृत्रिम इससे आगे जाकर आपके पूरे सवाल को समझने की कोशिश करता है. आसान शब्दों में कहें तो ये आपकी बात का असल मतलब समझने की कोशिश करता है. इसी वजह से ये आपको सही और आपके काम से जुड़े जवाब दे पाता है.
Krutrim AI किस टेक्नोलॉजी पर काम करता है
कृत्रिम एआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का ही एक हिस्सा है जिसे नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) कहते हैं. ये इंसानों की भाषा की बारीकियों को समझने में मदद करता है, जिसमें आम बोलचाल की भाषा और संस्कृति के हिसाब से बदलने वाले शब्द भी शामिल हैं. साथ ही मशीन लर्निंग (ML) नाम की टेक्नोलॉजी की मदद से ये बहुत सारे डेटा से सीख सकता है और वक्त के साथ अपने जवाबों को और बेहतर बना सकता है. एक और टेक्नोलॉजी है जिसे डीप लर्निंग (Deep Learning) कहते हैं. ये ML का ही एक हिस्सा है और ये पैटर्न पहचानने और मुश्किल डेटा का विश्लेषण करने में मदद करता है. माना जाता है कि यही टेक्नोलॉजी कृत्रिम एआई को और भी बेहतर बनाती है. हालांकि, कंपनी ने अभी ये नहीं बताया है कि वो किन खास टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है.
कृत्रिम एआई कैसे कर सकता है मदद
ओला का दावा है कि कृत्रिम एआई कई क्षेत्रों में हमारी मदद कर सकता है. उदाहरण के लिए कृत्रिम एआई से चलने वाले चैटबॉट भारतीय भाषाओं में बातचीत कर सकते हैं और आपकी समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं. शिक्षा के क्षेत्र में ये हर किसी की अलग जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनकी पढ़ाई को आसान बना सकता है. कंटेंट बनाने वालों के लिए ये नए विचार सुझाने और कंटेंट को अलग-अलग लोगों के लिए बदलने में मदद कर सकता है. साथ ही दफ्तरों के कई रोजमर्रा के कामों को भी ये अपने आप कर सकता है.