पाकिस्तान बाकी दुनिया से उलट कुछ ऐसा करने जा रहा है, जहां उसके सफल होने की संभावनाएं बहुत ही ज्यादा कम है. व्हाट्सएप का इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जाता है. मैसेजिंग या वीडियो कॉल की बात की जाए तो इसका कोई राइवल नहीं है. इसके सामने कोई भी ऐप टिक नहीं पाता है. मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा का प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप के सामने पाकिस्तान अपना खुद का मैसेजिंग ऐप लॉन्च करने वाला है, जिसका नाम बीप पाकिस्तान है. अगर बीप पाकिस्तान सफल नहीं हो पाया तो उसको बुरी तरह चोट लग सकती है. हो सकता है कि व्हाट्सएप पाकिस्तान में कई रिस्ट्रिक्शन्स भी लगा दे. या हो सकता है कि व्हाट्सएप पाकिस्तान से विदाई ले ले.


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बीप पाकिस्तान को पहले सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही इस्तेमाल कर पाएंगे, लेकिन बाद में इसे आम लोगों के लिए भी खोल दिया जाएगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि लोग व्हाट्सएप ठीक से काम नहीं करने की शिकायत कर रहे हैं, और उन्हें लगता है कि सरकार इंटरनेट पर पाबंदी लगा सकती है. सरकार बीप पाकिस्तान पर काफी समय से काम कर रही है, और अभी इसे टेक्नोलॉजी मंत्रालय में आजमाया जा रहा है. 


45 दिन में होगा रोलआउट


आईटी एंड टेलीकम्यूनिकेशन की मंत्री शाजा फातिमा ख्वाजा ने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो हम इस ऐप को बाद में आम पाकिस्तानी लोगों के लिए भी शुरू कर सकते हैं, क्योंकि इसका डिजाइन काफी मजबूत है.' नेशनल असेंबली की आईटी पर स्थायी समिति के प्रमुख हक ने कहा कि सरकार अगले 45 दिनों के भीतर अपने सभी कर्मचारियों को यह ऐप देने की योजना बना रही है. 


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नहीं लगेगा व्हाट्सएप पर बैन


पहले इसे 'व्हाट्सएप किलर' बताया जा रहा था, लेकिन अब सरकार इस तरह की तुलना से दूरी बना रही है और कह रही है कि बीप पाकिस्तान का उद्देश्य मौजूदा प्लेटफॉर्म से मुकाबला नहीं करना है. इसके बजाय, इसे संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा और डिजिटल संप्रभुता को बढ़ावा देने के लिए एक उपकरण के रूप में देखा जा रहा है. देशी मैसेजिंग ऐप बनाने की कोशिश दिसंबर 2019 की उस घटना के बाद हुई है, जब पाकिस्तानी अधिकारियों को पेगासस स्पाइवेयर का निशाना बनाया गया था, जिससे व्हाट्सएप की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं. हालांकि सरकार ने व्हाट्सएप पर बैन लगाने की योजना से इनकार किया है, लेकिन बीप पाकिस्तान को बढ़ावा देना एक स्पष्ट संकेत है कि सरकार एक देसी समाधान पसंद करती है.