पाकिस्तानी आतंकी हुए हाईटेक, PUBG गेम खेलकर उड़ाया पुलिस स्टेशन, पावर बैंक से बनाया बम
पाकिस्तान में आतंकियों ने पुलिस स्टेशन पर अटैक करने के लिए हाईटेक तरीका अपनाया. इससे पुलिस के लिए उनके बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल हो गया. 28 अगस्त को स्वात में एक पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ. इस हमले में एक पुलिसवाला मर गया.
Militants Attack In Pakistan: पाकिस्तान के स्वात में आतंकवादियों ने एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया. उन्होंने एक वीडियो गेम PUBG में इस्तेमाल होने वाले तरीकों का इस्तेमाल किया. उन्होंने इस गेम के चैट रूम का इस्तेमाल करके बात की और अपने हमले की योजना बनाई. इससे पुलिस के लिए उनके बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल हो गया.
ये भी पढ़ें- शहबाज शरीफ के हाथ से फिसल रहा PAK.. सरकार बचाने के लिए अंदरखाने चल रहा बड़ा गेम!
28 अगस्त को किया हमला
आतंकवादियों ने इस वीडियो गेम का इस्तेमाल करके पुलिस को चकमा दे दिया और आसानी से अपना हमला करने की योजना बना ली. 28 अगस्त को स्वात में एक पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ. इस हमले में एक पुलिसवाला मर गया और दो पुलिसवाले घायल हो गए. पुलिस ने इस हमले की जांच शुरू कर दी.
पावर बैंक से बनाया बम
पहले पुलिस ने सोचा था कि आतंकवादियों ने हथगोला फेंका था. लेकिन बाद में पता चला कि उन्होंने एक बम बनाकर फोड़ा था. इस बम को आतंकियों ने पावर बैंक से बनाया था.
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में हिन्दू बेटियों पर नहीं रुक रहा अत्याचार..नाबालिग लड़की के साथ हैवानियत
PUBG की मदद से किया अटैक
स्वात के पुलिस अधिकारी डॉ. ज़ाहिदुल्ला ने बताया कि आतंकवादियों ने PUBG का इस्तेमाल ट्रेनिंग के लिए किया था. इस गेम के चैट रूम का इस्तेमाल करके वे एक-दूसरे से बात कर सकते थे और अफगानिस्तान में अपने परिवार से भी बात कर सकते थे. जांच के दौरान, अधिकारियों ने एक संदिग्ध की पहचान की और बाद में मुराद उर्फ रहमतुल्ला के नेतृत्व वाले स्थानीय आतंकवादी ग्रुप से जुड़े कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया. यह ग्रुप प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़ा है.
PUBG Chatroom बना अड्डा
गिरफ्तार संदिग्धों ने बताया कि उन्होंने अपने ग्रुप के सदस्यों और अफगानिस्तान में अपने परिवारों के साथ बात करने के लिए PUBG चैट रूम का इस्तेमाल किया. पता नहीं चलने के लिए, वे अक्सर अपने मोबाइल फोन और सिम कार्ड बदलते रहते थे. डॉ. ज़ाहिदुल्ला ने बताया कि 2009 में ऑपरेशन रा-ए-रस्त के दौरान अफगानिस्तान भाग गए आतंकवादियों के परिवार अभी भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं. ऐसा अनुमान है कि स्वात के लगभग 2,000 आतंकवादियों के परिवार अफगानिस्तान में रह रहे हैं.