Ayodhya Surya Stambh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narenera Modi Ayodhya) 22 जनवरी को श्री राम मंदिर का उद्घाटन (Ram Mandir Inauguration) करेंगे. प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Ram Mandir Pran Pratishtha) से पहले श्री राम मंदिर के निर्माण का काम जोर शोर से चल रहा है. सिर्फ राम मंदिर ही नहीं बल्कि, पूरे अयोध्या को श्री राम के आगमन के लिए भव्य तरीके से सजाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण के लिए कई परियोजनाओं की शुरुआत की हैं. इन परियोजनाओं में से एक है "धर्म पथ" नाम का एक नया सड़क मार्ग, जो नया घाट से अयोध्या बाईपास तक जाता है. इस मार्ग पर 40 सूर्या स्तंभ लगाए गए हैं.


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क्या हैं ये सूर्य स्तंभ 


इन सूर्या स्तंभों का निर्माण उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा किया गया है. प्रत्येक स्तंभ 30 फुट ऊंचा है और स्तंभ के ऊपर सूर्य के आकार की गोलाकार संरचना को तैयार किया गया है जो देखने में बेहद ही भव्य नजर आती है. ये सूर्य स्तंभ अयोध्या की सजावट में भव्यता को जोड़ रहे हैं और इन्हें देखना वाकई में रोमांचक नजर आता है. 


सूर्य स्तंभ में लगाई गई है LED लाइटिंग 


सूर्य स्तंभों में लगी इस गोलाकार संरचना को और भी ज्यादा भव्य दिखाने के लिए इसमें LED लाइटिंग का इस्तेमाल किया गया है. ये एलईडी लाइटिंग नारंगी रंग की है और ठीक सूर्य जैसी नजर आती है. ये लाइटिंग रात होते ही धर्म पथ को रोशन कर देती है और अयोध्या नगरी में एक अलग ही छटा बिखेरने लगती है. 


क्या है सूर्य स्तंभ लगाने का उद्देश्य 


सूर्य स्तंभों का मुख्य उद्देश्य अयोध्या में रोशनी और सुंदरता बढ़ाना है. ये स्तंभ रात में शहर की सड़कों को रोशन करते हैं और उन्हें अधिक आकर्षक बनाते हैं. इसके अलावा, ये स्तंभ अयोध्या के धार्मिक महत्व को भी दर्शाते हैं. सूर्य स्तंभों का निर्माण आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके किया गया है. इन स्तंभों में लगे एलईडी लाइट एनर्जी एफीशिएंट हैं और लंबे समय तक चलती हैं. इसके अलावा, इन स्तंभों को चोरी और नुकसान से बचाने के लिए सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं. सूर्य स्तंभ अयोध्या की नई पहचान बन गए हैं. ये स्तंभ शहर को एक आधुनिक और धार्मिक रूप देते हैं.