T20 World Cup Bat: टी20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है. ये मैच धमाकेदार रहने वाला है. बता दें कि मैच में सिर्फ खिलाड़ियों की ही अहमियत नहीं होती है. बल्कि उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इक्विपमेंट्स भी किसी मैच की परफॉर्मेंस के लिए बेहद ही जरूरी होते हैं. आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम का बैट देखने में काफी साधारण सा ही नजर आता है लेकिन असल में ये काफी ज्यादा हाईटेक होता है और इसमें एक खास तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी जरूरत क्रिकेट के दौरान पड़ती है. अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. 


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कौन सी है ये तकनीक 


अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपको बता दें कि क्रिकेट में इस्तेमाल होने वाले बैट के अंदर कई तरह के सेंसर इस्तेमाल किए जाते हैं जो खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस मेजर करते रहते हैं. बैट मे लगाए जाने वाले डिवाइसेज में सबसे पहला नाम आता है स्पीड सेंसर का, इस सेंसर की मदद से यह जानकारी मिलती है कि आखिर बैट से बॉल कितनी स्पीड से टकराई है और क्रिकेटर ने कितनी स्पीड से बल्ला घुमा कर शॉट मारा है. यह जानकारी वाईफाई की मदद से एक कंप्यूटर तक पहुंचती रहती है और फिर यही जानकारी क्रिकेट मैच देख रहे दर्शकों को टीवी पर दिखाई देती है.  इसके साथ ही बैट के अंदर माइक्रोफोन भी लगाया जाता है. इसका काम ये होता है कि जब कभी बैट से बॉल टकराती है और किसी को नजर नहीं आता है तब इस माइक्रोफोन की मदद से ही यह पता लगाया जाता है कि आखिरकार बैट से बॉल टकराई है या नहीं. कई बार आउट हो जाने की स्थिति में ये तकनीक बेहद काम आती है.


क्यों होती है जरूरत 


अगर बात करें कि आखिर इस तकनीक की जरूरत ही क्यों होती है तो बता दें कि मैच को पारदर्शी रखने के लिए साथ ही समय बर्बाद ना हो इसके लिए भी इन तकनीकों का सहारा लिया जाता है. इनकी मदद से मैच में चीटिंग भी नहीं होती है और मैच में दर्शकों को काफी मजा आता है. इस तकनीक से लैस बैट की कीमत काफी ज्यादा होती है.