Apple को टक्कर देने के लिए Android लाया नया फीचर, डेटा रहेगा सुरक्षित
Android 15 Protection Feature: इस साल एंड्रॉइड 15 में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए. इनमें से एक मुख्य सुधार उन लोगों के लिए राहत की सांस साबित होगा जिन्हें अपना फोन खोने का डर रहता है. गूगल इसे थेफ्ट प्रोटेक्शन (Theft Protection) कह रहा है.
Google: गूगल I/O 2024 में भले ही Android 15 की घोषणा नहीं हुई, लेकिन कंपनी ने फिर भी अपना अपडेट शेयर कर दिया है. नया एंड्रॉइड वर्जन कुछ चुनिंदा डिवाइसों, जिनमें पिक्सल भी शामिल हैं, के लिए पहले से ही बीटा वर्जन में उपलब्ध है. इस साल एंड्रॉइड 15 में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए. इनमें से एक मुख्य सुधार उन लोगों के लिए राहत की सांस साबित होगा जिन्हें अपना फोन खोने का डर रहता है. गूगल इसे थेफ्ट प्रोटेक्शन (Theft Protection) कह रहा है.
लेटेस्ट बीटा एंड्रॉइड 15 वर्जन हमें इसकी क्षमता दिखा रहा है कि यह लोगों को फोन चोरी होने या खो जाने पर अपना डेटा बचाने में कैसे मदद कर सकता है. आइए आपको बताते हैं कि एंड्रॉइड 15 इस फीचर को कैसे बेहतर बना रहा है और यह यूजर्स को क्या ऑफर करता है. साथ ही यह फीचर Apple के थीफ प्रोटेक्शन फीचर की तुलना में कैसा है. इस फीचर के बारे में टिपस्टर मिशाल रहमान ने पोस्ट शेयर की है.
Android 15 Theft Protection फीचर क्या है
गूगल इस फीचर को काम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन इसे फोन को चोरी होने से बचाने के लिए जाइरोस्कोप, एक्सेलरोमीटर जैसे सेंसरों की मदद की भी जरूरत होती है. AI तकनीक इस फीचर को यह देखने में मदद करती है कि फोन इस्तेमाल करने के सामान्य पैटर्न में कोई गड़बड़ी हुई है या नहीं, और अगर यह कुछ गड़बड़ी का पता लगाता है, तो फोन बिना कोई अलार्म बजाए खुद को लॉक कर लेगा. इस साल के अंत में एंड्रॉइड 10 या उससे ऊपर के वर्जन पर चलने वाला कोई भी एंड्रॉइड फोन Google Play सर्विसिस के अपडेट के माध्यम से इनेबल हो जाएगा.
फोन को रीसेट करने के लिए डालनी होगी डिटेल
यही नहीं, इस मोड में डिवाइस को रीसेट करने का कोई भी प्रयास बेकार होगा क्योंकि Google आपके अकाउंट की जानकारी मांगेगा, जिसके बिना फोन को फिर से सेटअप नहीं किया जा सकता. नए सुरक्षा फीचर का दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि "Find My Device" टूल को डिसेबल करना आसान नहीं होगा क्योंकि ऐसे किसी भी प्रोसेस के लिए आपको पिन या फिंगरप्रिंट आईडी जैसी स्क्रीन क्रेडेंशियल की आवश्यकता होगी. गूगल का कहना है कि फीचर का यह हिस्सा केवल चुनिंदा डिवाइसों पर ही उपलब्ध होगा.