Arun Govil Casting Story in Ramayan: रामायण वो है जो हमारे संस्कारों में बसती है. श्री राम की गाथा हमारे लिए सिर्फ एक कहानी नहीं है बल्कि जीवन का सार भी है. तभी तो 80 और 90 के दशक में जब टीवी पर रामानंद सागर की रामायण आई तो लोगों ने आदर में सिर झुका लिया था. लेकिन ये सब मुमकिन हुआ था शो की बेहतरीन कास्टिंग से. राम के किरदार में अरुण गोविल हो या फिर क्रोध से भरे हुए लक्ष्मण यानि सुनील लहरी (Sunil Lahri). हर कोई पूरी तरह परफेक्ट था. लेकिन इनके परफेक्ट बनने के पीछे कोई ना कोई कहानी थी. ऐसी ही एक कहानी थी राम बने अरुण गोविल (Arun Govil) की भी.


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खुद ही पहुंच गए थे राम बनने
अरुण गोविल की माने तो जब उन्होंने सुना की रामानंद सागर रामायण बनाने जा रहे हैं तो वो खुद ही ऑडिशन के लिए पहुंच गए थे और उन्हें लगा था कि वो राम के रोल के लिए परफेक्ट होंगे. तब उन्होंने जाकर कहा कि वो राम का रोल करना चाहते हैं. तब मेकर्स ने उन्हें सिर से पांव तक देखा और चौंक गए. हालांकि बाद में उनका ऑडिशन लिया और उसी समय रिजेक्ट भी कर दिया. निराश होकर अरुण वापस लौट आए. लेकिन कुछ दिन बाद रामानंद सागर ने आगे से फोन कर बुलाया और कहा था कि ‘अरुण सेलेक्शन कमेटी को लगता है कि तुम्हारे जैसा राम नहीं मिलेगा’. बस इस तरह अरुण को ये ऐतिहासिक रोल मिल गया.   



एक चीज की थी कमी
हालांकि ऑडिशन, स्क्रीन टेस्ट के बाद ये तो तय हो गया था कि अरुण गोविल राम होंगे लेकिन कमी इस बात की थी कि उनका चेहरा पूरी तरह तैयार होने के बाद भी इंसान जैसा ही था जबकि अरुण गोविल उसमें श्री राम को देखना चाहते थे. कई जुगाड़ किए लेकिन बात बन ही नहीं रही थी. तभी अरुण गोविल को कुछ याद आया. बडजात्या कैंप में काम करते हुए किसी ने अरुण को नसीहत दी थी कि- तुम्हारी स्माइल बहुत ही प्यारी है उसे कहीं इस्तेमाल करना. बस राम के गेटअप में तैयार खड़े अरुण हलके से मुस्कुराए और बात बन गई. एक आम इंसान भगवान का दर्जा पा गया.  


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