Delhi Police Uncovered Hashish Trafficking Network: दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ करने के साथ ही चार लोगों को गिरफ्तार किया है. यह ड्रग कार्टेल हिमाचल प्रदेश के कसोल से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक हशीश (चरस) की तस्करी कर रहा था. इस खतरनाक रैकेट में गृहिणी, वेटर, ट्रांसपोर्टर, किर्गिज़ डिज़ाइनर समेत शहर के कई सफेदपोशों के शामिल होने का भी खुलासा किया गया है.
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Kasol To Delhi Drug Racket Exposed: दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके बाहर ड्रग डीलरों को 'मलाना क्रीम' के रूप में जानी जाने वाली हाई क्वालिटी की हशीश बेचने के आरोप में एक वेटर, एक हाउस वाइफ, एक ट्रांसपोर्टर और एक किर्गिज़ इंटीरियर डिज़ाइनर (Kyrgyz Designer) को गिरफ्तार किया है. ये सभी कथित तौर पर एक कुख्यात ड्रग कार्टेल का हिस्सा थे, जिसका दिल्ली पुलिस ने हाल ही में भंडाफोड़ किया है.
हाउस वाइफ अस्मा बानो अंसारी ड्रग कार्टेल की मास्टरमाइंड
दिल्ली पुलिस ने कहा कि गुजरात के सूरत की एक हाउसवाइफ (गृहिणी) अस्मा बानो अंसारी इस पूरे खतरनाक ड्रग कार्टेल की मास्टरमाइंड थी, जो सप्लाई चेन का सारा कॉर्डिनेशन करती थी. इसके अलावा वह गैंग में नए सदस्यों की भर्ती भी करती थी. वहीं, हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत शहर कसोल में एक कैफे में काम करने वाले 26 वर्षीय फ़ुज़ैल शेख ने कथित तौर पर गांव के अंदरूनी इलाकों से तस्करी का सामान मंगवाया था.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ध्वस्त की हशिश की सप्लाई चेन
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सूरत के आकाश बिष्ट और किर्गिस्तान की नागरिक चोलपोन उनकी पत्नी कथित तौर पर ड्रग्स के डिस्ट्रिब्यूशन (वितरण) का सारा काम संभालते थे. हाल ही में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने उनकी सप्लाई चेन को ध्वस्त किया और चारों आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. साथ ही इन चारों के पास से बड़ी मात्रा में बरामद हशीश (जिसे चरस भी कहा जाता है) जब्त की.
हिमाचल में मूसलाधार बारिश ने कैसे दिया हशीश रैकेट को बढ़ावा
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त देवेश श्रीवास्तव द्वारा दिल्ली-एनसीआर में छात्रों और युवा पेशेवरों के बीच पॉपुलर माने जाने वाले प्रतिबंधित नशीले पदार्थ की आपूर्ति पर कार्रवाई के आदेश के बाद यह कदम उठाया गया था. संदिग्धों से पूछताछ में पुलिस को एक दिलचस्प प्रवृत्ति का पता चला. आरोपियों ने खुलासा किया कि हाल ही में हिमाचल के कई इलाके में हुई मूसलाधार बारिश का एक अप्रत्याशित नतीजा भी सामने आया.
उन्होंने बताया कि भारी बारिश से मलाना गांव तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता दुर्गम हो गया, जिससे यह मुख्य भूमि से कट गया. इसके बाद वहां हिमाचल प्रदेश पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. इसके चलते भांग राल (जिसे चरस भी कहा जाता है) की फसल इस साल असाधारण रूप से प्रचुर मात्रा में हुई.
खतरनाक चंद्रखानी दर्रे से बाहरी लोगों का नेविगेशन काफी मुश्किल
दिल्ली पुलिस के डीसीपी (क्राइम) भीष्म सिंह ने कहा, "भांग राल की फसल को फिर खतरनाक चंद्रखानी दर्रे के माध्यम से गांव से बाहर तस्करी कर लाया गया. यह एक ऐसा रास्ता है जो बाहरी लोगों के लिए नेविगेट करना बेहद मुश्किल है. इससे स्थानीय निवासियों को अवैध व्यापार पर नियंत्रण बनाए रखने और तस्करों और विक्रेताओं को चरस की आपूर्ति करने में मदद मिली. वे लोग आगे इसे देश के अलग-अलग हिस्सों में डिस्ट्रिब्यूट करते थे."
पुलिस ने कई हफ्तों तक जुटाई अंतरराज्यीय सिंडिकेट की जानकारी
डीसीपी सिंह ने आगे कहा, " दिल्ली पुलिस ने कुछ हफ्तों तक अंतरराज्यीय सिंडिकेट के बारे में जानकारी इकट्ठा की. इस मामले में ज्यादा ठोस सुराग हासिल करने के लिए एसीपी अरविंद कुमार और इंस्पेक्टर रॉबिन त्यागी की एक टीम का गठन किया गया था." ऑपरेशन के पहले चरण में, फुजैल शेख को कुछ दिन पहले निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर 807.5 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया गया था.
अस्मा बानो अंसारी के गैंग में काम कर रहा था गिरफ्तार फुजैल शेख
शेख ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह अस्मा बानो अंसारी की ओर से काम कर रहा था. उसे बाद में सूरत से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने पाया कि एक रासायनिक दवा निर्माण इकाई चलाने वाले उसके बेटे को भी गिरफ्तार कर मुंबई में जेल भेज दिया गया था. 16 नवंबर को, पुलिस को सूचना मिली कि ड्रग सिंडिकेट का एक कथित सदस्य आकाश बिष्ट हिमाचल से दिल्ली में हशीश ले जाएगा.
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कार में हशीश छिपाकर सिंघू बॉर्डर से दिल्ली में घुसा बिष्ट और चोलपोन
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, अपनी कार के अलग-अलग हिस्सों में हशीश छिपाए हुए आकाश बिष्ट सिंघू सीमा के रास्ते दिल्ली में प्रवेश करने वाला था. पुलिस द्वारा रोके जाने पर बिष्ट ने बैरिकेड तोड़कर भागने की कोशिश की. इसके बाद तेज गति से उसका पीछा किया गया और आखिरकार बिष्ट को जहांगीरपुरी में महिंद्रा पार्क गुरुद्वारा ट्रैफिक सिग्नल के पास पकड़ लिया गया. वह चोलपोन के साथ आगे की सीट पर गाड़ी चला रहा था.
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दूसरे ड्रग्स नेटवर्क का भी भंडाफोड़ करने की कोशिश में दिल्ली पुलिस
कार रोकने और खोलने का आदेश दिए जाने के बावजूद आकाश बिष्ट ने फिर से भागने की कोशिश की. हालांकि, पुलिस ने कार की खिड़कियां तोड़कर उसे पकड़ लिया. जब वाहन की तलाशी ली गई तो हेडरेस्ट और सबवूफर में 539.5 ग्राम चरस छिपा हुआ मिला. पुलिस ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है और वे दूसरे ड्रग्स नेटवर्क का भंडाफोड़ करने की कोशिश कर रहे हैं. कई ड्रग रैकेट इसी तरह के रास्तों का इस्तेमाल कर हशिश को कसोल से दिल्ली पहुंचा रहे हैं.