श्‍याम सुंदर गोयल/ नई दिल्‍ली: भारत के हिचहाइकर अंश मिश्रा इस समय सड़कों के माध्यम से अफ्रीकी देशों का सफर कर रहे हैं, वह भी बिना पैसों के. उनसे जी न्‍यूज की टीम ने वीडियो कॉल के माध्यम से बात की और उनसे जाना कि कोरोना के कहर के बीच अफ्रीका में वह किस तरह से अपनी यात्रा को जारी रखे हुए हैं और वहां के कैसे हालात हैं. 


टूरिस्‍ट के लिए बहुत रिस्‍की है मोजाम्‍बिक में कुछ भी शूट करना


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अंश ने बताया कि अभी वह मोजाम्‍बिक देश में हैं. यह देश प्राकृतिक रूप से जितना खूबसूरत है, उतना ही यहां पर कड़ा पहरा भी है. जब से यहां गैस के कुएं मिले हैं, तबसे हर विकसित देश का इंटरेस्‍ट यहां बढ़ गया है जिसकी वजह से यहां आतंकी गुट भी सक्रिय हो गए हैं और अन्‍य देश भी यहां इंटरफेयर कर रहे हैं. इस वजह से यहां बहुत चेकिंग रहती है. कैमरा लेकर यहां शूट करना बहुत ही रिस्‍की रहता है. 


रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक कोरोना कर्फ्यू 


कोरोना की वजह से मोजाम्‍ब‍िक में कैसे हालात हैं, इस बारे में उन्‍होंने बताया कि यहां कोरोना का ज्‍यादा कहर तो नहीं है लेकिन सरकार इसे लेकर कुछ रिस्‍ट्रक्‍शन तो दिखावे के लिए लगाती ही है. अब जैसे यहां कोराना की वजह से रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक कर्फ्यू लगा है. अब जहां पूरा देश ही गांव जैसा हो, वहां रात को 12 से सुबह 4 बजे तक कौन बाहर निकलता है. मतलब, कर्फ्यू है भी और नहीं भी. अगर यहां भारत की तरह पूरी तरह लॉकडाउन लगा लिया तो यहां के लोग भूखे मर जाएंगे क्‍योंकि यहां के लोग सेविंग तो करते नहीं हैं. वह आज में जीते हैं, फ्यूचर की उनको कोई चिंता नहीं होती है. 


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ज्‍यादातर अफ्रीकी देशों की सिर्फ राजधानियां ही होती हैं डेवलप 


अंश ने अफ्रीकी देशों के बारे में बताया कि यहां पर ज्‍यादातर देशों की राजधानियां ही डेवलप हैं, बाकी देश ऐसा लगता है जैसे अपने बिहार, छत्‍तीसगढ़ और झारखंड के गांव होते हैं. राजधानी के अलावा पूरा देश ही यहां एक बड़ा सा गांव जैसा होता है जहां लोकल सत्‍ता ही चलती है. 


54 अफ्रीकी देशों के सफर पर अकेले है ये पैशनेट बंदा


बता दें कि अंश मिश्रा, भारत के पहले हि‍चहाइकर हैं जिन्‍होंने भारत में बिना कोई गैप लिए लिफ्ट लेकर सफर सफर किया था और अब वह एक बार में ही अफ्रीका महाद्वीप के सफर पर हैं जहां उन्‍हें 54 देशों की यात्रा में 4 साल लगने हैं. उनकी ये यात्रा 3 फरवरी 2021 को अफ्रीकी देश केन्‍या से शुरू हुई. केन्‍या, उगांडा, तंजानिया, रवांडा, बुरुंडी, जाम्‍बिया, मलावी के बाद अभी वह 15 द‍िसंबर से मोजाम्‍बिक में हैं. यहां से अब वह वीजा मिलते ही दक्ष‍िण अफ्रीका में प्रवेश करेंगे जहां दुनिया में पहली बार ओमिक्रोन का केस डिटेक्‍ट हुआ था. 


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