भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी, कालेधन के मददगारों की कमर टूटी : राष्ट्रपति
काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्र सरकार के विभिन्न उपायों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि सरकार के इन कदमों ने देश को अस्थिर करने वाली ताकतों और कालेधन के प्रवाह में मदद करने वाले ढांचे की कमर तोड़ दी है.
नई दिल्ली : काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्र सरकार के विभिन्न उपायों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि सरकार के इन कदमों ने देश को अस्थिर करने वाली ताकतों और कालेधन के प्रवाह में मदद करने वाले ढांचे की कमर तोड़ दी है. राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सत्रों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए अपने अभिभाषण में कहा कि वर्ष 2014 में सरकार को जनता ने पूर्ण बहुमत देने के साथ ही यह आदेश भी दिया था कि कालेधन और भ्रष्टाचार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो.
भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी
उन्होंने कहा कि बीते साढ़े चार साल में सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी है. 'जन-मन को समझने वाली मेरी सरकार ने पहले दिन से ही कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी और कैबिनेट की पहली ही बैठक में कालेधन के खिलाफ एसआईटी यानी विशेष जांच दल के गठन का निर्णय लिया.' उन्होंने कहा कि इसके बाद सरकार ने कालेधन के खिलाफ नया और कठोर कानून बनाया. विदेश में गैर-कानूनी तरीके से जुटाई गई संपत्ति के खिलाफ भी मेरी सरकार ने अभियान चलाया. 'टैक्स हेवेन' समझे जाने वाले अनेक देशों के साथ नए सिरे से समझौते किए गए और कई देशों के साथ पुराने समझौतों की कमियों को दूर करते हुए, नए बदलाव लाए गए.
कालेधन के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत से विदेश जा रहे कालेधन को रोकने के साथ ही उनकी सरकार ने, देश के भीतर भी कालेधन के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया. देश का हर वह क्षेत्र जहां कालेधन का प्रवाह था, उसके लिए नए कानून बनाए गए, उन्हें कर के दायरे में लाया गया. इन कार्रवाई के बीच सरकार ने लोगों को अपनी अघोषित आय और अघोषित धन को स्वेच्छा से घोषित करने का अवसर भी दिया. उन्होंने कहा कि कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान में नोटबंदी का फैसला एक महत्वपूर्ण कदम था. इस फैसले ने कालेधन की समानांतर अर्थव्यवस्था पर प्रहार किया और वह धन, जो व्यवस्था से बाहर था, उसे देश की अर्थव्यवस्था से जोड़ा गया.
उन्होंने कहा, 'सरकार के इस कदम ने देश को अस्थिर करने वाली ताकतों और कालेधन के प्रवाह में मदद करने वाली व्यवस्थाओं की कमर तोड़ दी है. कालेधन के प्रवाह के लिए जिम्मेदार 3 लाख 38 हजार संदिग्ध शेल कंपनियों का रजिस्ट्रेशन सरकार द्वारा खत्म किया जा चुका है. इन कंपनियों के निदेशकों के दोबारा चुने जाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है. कोविंद ने कहा कि 'बेनामी संपत्ति कानून', 'धन शोधन निरोधक कानून' और आर्थिक अपराध करके भागने वालों के खिलाफ बने कानून के तहत 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई हो रही है. ये सरकार की नीतियों का ही प्रभाव है कि आज रीयल इस्टेट क्षेत्र में कालेधन के उपयोग में भारी कमी आई है जिसकी वजह से घरों की कीमतें कम हुई हैं और एक साधारण मध्यम वर्गीय परिवार का अपना घर होने का सपना सच हो रहा है.