नई दिल्लीः एक फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पेश करेंगे. अगले साल मई में होने वाले आम चुनाव के कारण वह पूर्ण बजट नहीं पेश कर पाएंगे. चुनाव के मद्देनजर इस बजट से करोड़ों देशवासियों की उम्मीदें खासतौर जुड़ी हुई हैं. ऐसे में इस ड्रीम बजट को तैयार करने की जिम्मेदारी भी बेहद खास लोगों पर है. आइए जानते हैं अरुण जेटली की इस बजट टीम के बारे में...
    
हसमुख अधिया (वित्त सचिव)
बीते वर्ष अशोक लवासा के रिटायर होने के बाद हसमुख अधिया को वित्त सचिव बनाया गया था. देश में सफलता पूर्वक जीएसटी को लागू कराने में अहम भूमिका निभाने वाले इस अधिकारी पर बजट को संतुलित बनाने की सबसे बड़ी जिम्मेवारी है. माना जाता है कि मोदी सरकार में इस अधिकारी की खूब सुनी जाती है. देश में नोटबंदी लागू कराने के पीछे भी इस अधिकारी का बड़ा योगदान माना जाता है. उन्हें अगले कैबिनेट सचिव का दावेदार भी माना जाता है. 


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सुभाष गर्ग (आर्थिक मामलों के सचिव)
वर्ष 1983 बैच के राजस्थान कैडर के अधिकारी सुभाष गर्ग को जून में शक्तिकांत दास के रिटायर होने के बाद आर्थिक मामलों का सचिव बनाया गया था. इससे पहले गर्ग विश्व बैंक में भूटान, बांग्लादेश, भारत और श्रीलंका के कार्यकारी निदेशक थे. सचिव के रूप में यह उनका पहला बजट है. उम्मीद की जा रही है कि बजट निर्माण में उनका अंतरराष्ट्रीय अनुभव काफी कारगर साबित होगा.


नीजर गुप्ता (विनिवेश सचिव) 
गुप्ता के विभाग ने इस साल अब तक विनिवेश से 900 अरब रुपये जुटाए हैं. उम्मीद की जारी है कि यह आंकड़ा 1000 अरब रुपये तक पहुंच सकता है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि ये पैसे एक सरकारी कंपनी द्वारा दूसरी सरकारी कंपनी के अधिग्रहण से जुटाए गए हैं न कि किसी बाहरी या निजी क्षेत्र के शेयरों की बिक्री करके. ऐसे में नीजर गुप्ता पर विनिवेश के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव है. सरकार हर बजट में विनिवेश से धन जुटाने का लक्ष्य तय करती है. राजनीतिक रूप से भी विनिवेश के संवेदनशील मुद्दा हैं. ऐसे में आगामी बजट निर्माण में गुप्ता की अहम भूमिका होगी.  


अजय नारायण झा (एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी)
वर्ष 1982 बैच के मणिपुर बैच के अधिकारी अजय नारायण झा ने अशोक लवासा के रिटायर होने के बाद यह पद संभाला था. इससे पहले वह पर्यावरण सचिव थे. वह एक्सपेंडिचर विभाग और वित्त आयोग में भी रह चुके हैं. इनकी सबसे बड़ी जिम्मेवारी 24 लाख करोड़ रुपये के बजट का विभिन्न मदों में संतुलित रूप से बंटवारा करना है. क्योंकि यह चुनावी साल है और सरकार व सत्ताधारी दल का दबाव लोकलुभावने वादे को बजट में शामिल करवाने पर होगा. ऐसे में इस चीजों के लिए पैसे की व्यवस्था करना और बजट को संतुलित रखना इनकी सबसे बड़ी जिम्मेवारी है. 


राजीव कुमार वित्तीय सेवा सचिव
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की खराब हालत को देखते हुए राजीव कुमार की भूमिका काफी बढ़ गई है. पिछले साल अगस्त में वित्तीय सेवा सचिव बने कुमार पर बैंकों की स्थिति सुधारने और उसके लिए पैसे की व्यवस्था करने की जिम्मेवारी है. इस बार के बजट में लोकलुभावनी योजनाओं के लिए पैसे की व्यवस्था करने के संभावित दबाव को देखते हुए राजीव कुमार पर सरकारी बैंकों के लिए धन की व्यवस्था करने की चुनौतीपूर्ण जिम्मेवारी है. 


अरविंद सुब्रमण्यम (मुख्य आर्थिक सलाहकार)
अगर अरविंद सुब्रमण्यम को कार्यकाल विस्तार नहीं मिलता है तो संभवतः यह उनका अंतिम बजट होगा. जेटली की बजट निर्माण टीम का वह मुख्य सदस्य रहे हैं. जनधन योजना, आधार, परिसंपत्ति प्रबंधन में विफल बैंकों की स्थिति से निपटने आदि जैसी अहम योजनाओं में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. बजट में कुछ नीतिगत बदलाव में उनकी अहम भूमिका रहने वाली है.