Fiscal Deficit below 45 percent by 2025-26: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को कहा कि राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को वित्त वर्ष 2025-26 तक कम करके 4.5 प्रतिशत से नीचे लाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए कर प्राप्तियों को 23.3 लाख करोड़ रुपये पर रखा गया है. इसके अलावा राज्यों को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.5% तक राजकोषीय घाटे की अनुमति होगी.


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कैसे होगी घाटे की भरपाई?


लोकसभा में 2023-24 के लिए आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे की भरपाई करने के लिए, दिनांकित प्रतिभूतियों से शुद्ध बाजार कर्ज 11.8 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए संशोधित अनुमान में वित्त मंत्री ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.4 प्रतिशत रखा है. हालांकि, अगले वित्त वष के लिए इसे घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है. चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने इसे जीडीपी के 6.4 प्रतिशत पर रखा था.


इस साल के घाटे का अनुमान


चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 1661196 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 के अनुमान में कुल प्राप्तियां और कुल खर्च क्रमश: 27.2 लाख करोड़ और 45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है. राजकोषीय घाटे (fiscal deficit target) की बात करें तो यह जीडीपी के 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.


वित्त मंत्री ने भाषण में ये भी कहा कि उन्होंने साल 2021-22 के बजट भाषण में कहा था कि हम कालांतर में राजकोषीय घाटे को लगातार कम करने के साथ-साथ, साल 2025-26 तक इसे 4.5 प्रतिशत से नीचे रखने के लिए ट्रेजरी कॉन्सोलिडेशन (राजकोषीय समेकन) की राह पर चलते रहेंगे. 


(इनपुट: न्यूज़ एजेंसी भाषा के साथ)


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