Union Budget 2023: व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतामरण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2023 को पांचवी बार देश का बजट पेश करेंगी. लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह आख‍िरी पूर्ण बजट है. ऐसे में इस बार के बजट से नौकरीपेशा से लेकर क‍िसानों तक को बड़ी उम्‍मीदें हैं. इस बार बजट को लेकर वित्त मंत्रालय में जोर-शोर से तैयार‍ियां चल रही हैं. इस बार सरकार की तरफ से नौ साल बाद टैक्‍सपेयर्स को बड़ी रा‍हत देने की उम्‍मीद की जा रही है. सरकार की तरफ से टैक्‍स छूट का दायरा बढ़ाने के साथ ही 80C की ल‍िम‍िट भी बढ़ाई जा सकती है.


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पहले हर साल 28 फरवरी को पेश होता था बजट
आजाद भारत के इतिहास में अब तक ज‍ितने भी बजट पेश हुए हैं, उनमें सबसे ज्‍यादा चर्चा 1997 में पेश क‍िए गए बजट की होती है. सरकार में तत्‍कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की तरफ से पेश इस बजट को खूब‍ियों के कारण 'ड्रीम बजट' कहा गया. 28 फरवरी 1997 को पेश किए गए बजट के जरिए सरकार ने देश के इकोनॉमिक रिफॉर्म का रोडमैप तैयार किया था. उस समय यून‍ियन बजट को हर साल 28 फरवरी को पेश क‍िया था.


कॉरपोरेट टैक्स पर सरचार्ज घटाया था
पी च‍िदंबरम की तरफ से पेश क‍िए गए इस बजट में टैक्स प्रावधान को तीन अलग स्लैब में बांट दिया गया था. इस बजट में काले धन को उजागर करने के ल‍िए वॉलंटियरी डिसक्लोजर ऑफ इनकम स्कीम (VDIS) भी लॉन्च की गई थी. इसके अलावा औद्योगिक विकास को ध्यान में रखते हुए कॉरपोरेट टैक्स पर सरचार्ज घटा दिया गया था.


उस समय पी चिदंबरम की तरफ से क‍िए गए इन सुधारों का असर भी हुआ था. लोगों ने उसके बाद अपनी आय का खुलासा किया था. उस समय सरकार की पर्सनल इनकम टैक्स से आय 18,700 करोड़ रुपये हुई थी. उस समय चिदंबरम कांग्रेस का हिस्सा नहीं थे बल्कि वह देवगौड़ा गठबंधन सरकार में शामिल थे.


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