अंतरिम बजट में किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की गई है. इस योजना के माध्यम से देश के 12 करोड़ से ज़्यादा छोटे किसानों को एक निश्चित मदद राशि प्रदान की जाएगी. इस योजना के दायरे में वही किसान आएंगे जिनके पास 2 हेक्टेयर या 2 हेक्टेयर से भी कम खेती लायक ज़मीन है. इन किसानों को हर वर्ष 6 हज़ार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी.


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ये रकम किसानों को 3 हिस्सों में दी जाएगी. पूरे साल हर चार महीने में तीन बार किसानों को 2 हज़ार रुपए दिए जाएंगे. हमारे देश में फसलों के भी तीन चक्र होते हैं. रबी, खरीफ और जायद. इस योजना का मकसद है. इन फसलों को लगाने के लिए सहायता राशि देना. ये सहायता राशि सीधे किसानों के Bank Account में Transfer कर दी जाएगी. सरकार को इस योजना पर हर वर्ष 75 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे.


ये कार्यक्रम 1 दिसंबर, 2018 से लागू किया जाएगा और 31 मार्च, 2019 तक की अवधि के लिए पहली किस्त का भुगतान इसी वर्ष कर दिया जाएगा. इस योजना का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार, राज्यों से किसानों की List मंगवाएगी.


बजट के बाद आज दिल्ली में विपक्ष के नेताओं की बैठक हुई और इसके बाद कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राहुल गांधी ने कहा कि किसानों को हर रोज़ सिर्फ 17 रुपए देना. उनका सबसे बड़ा अपमान है. राहुल गांधी ने कहा है कि इस बार का चुनाव किसानों और रोज़गार के मुद्दे पर होगा. केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने भी आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और बिना राहुल गांधी का नाम लिए ही उन्होंने ये कहा है कि बड़े-बड़े खानदानों के लोग, किसानों की समस्याओं को नहीं समझ सकते.


भारत का GDP 166 लाख करोड़ रुपये है और हमारा आधा GDP, देश के अ-संगठित क्षेत्र के 42 करोड़ कामगारों के खून पसीने की मेहनत से आता है. भारत सरकार इनके लिए श्रम योगी मानधन योजना लेकर आई है. इस योजना के दायरे में वो लोग आएंगे, जिनका मासिक वेतन 15 हज़ार रुपए से कम हैं. इस वर्ग में सड़कों पर ठेला लगा कर काम करने वाले लोग, रिक्शा चालक, निर्माण का काम करने वाले मजदूर, और दूसरे उद्योगों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर भी शामिल होंगे. सरकार ने इन सभी लोगों को श्रम योगी कहकर संबोधित किया है.


ये एक पेंशन योजना है. 60 वर्ष की उम्र के बाद इन कामगारों को हर महीने 3 हज़ार रुपए की पेंशन मिलेगी, लेकिन इसका लाभ उठाने के लिए उन्हें एक निश्चित प्रीमियम भी देना होगा. यानी हर महीने एक निश्चित धनराशि 60 वर्ष की उम्र तक सरकार को देनी होगी.


उदाहरण के लिए अगर किसी कामगार की उम्र 18 वर्ष है तो उसे हर महीने 55 रुपए जमा करने होंगे और इसमें सरकार भी अपनी तरफ से 55 रुपए का अंशदान देगी और इस राशि की मदद से 60 वर्ष की उम्र के बाद इन कामगारों को हर महीने 3 हजार रुपए की पेंशन मिलेगी.


इसी तरह अगर किसी कामगार की उम्र 29 वर्ष है तो उसे हर महीने 100 रुपए, 60 वर्ष की उम्र तक जमा करने होंगे. सरकार भी 100 रुपए का अंशदान देगी. और 60 वर्ष की उम्र के बाद इन कामगारों को हर महीने 3 हजार रुपए की पेंशन मिलेगी. इस योजना के लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपए की राशि निश्चित कर दी है. ये योजना इस साल शुरू हो जाएगी.


कांग्रेस ने इस योजना के लिए आवंटित रकम पर सवाल उठाए हैं. साथ ही ये भी पूछा है कि ये योजना लाने में सरकार को 5 वर्ष क्यों लग गए? किसानों और श्रमिकों की योजनाओं पर सरकार और विपक्ष ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है, लेकिन ये योजना, किसानों और श्रमिकों के लिए कितनी लाभदायक है.. ये तो वो खुद ही बता सकते हैं. हमने आज बहुत से किसानों और श्रमिकों से बात की है.