Lalduhoma: कभी थे इंदिरा गांधी के सुरक्षा इंचार्ज अब बनेंगे मिजोरम के सीएम
मिजोरम में जोरम पीपल्स मूवमेंट ने एमएनएफ को धूल चटा सरकार बनाने जा रही है. यह जीत जितनी खास जेडपीएम के लिए है उतनी ही खास लालदुहोमा के लिए भी है. महज पांच साल पहले पार्टी बनाने वाले लालदुहोमा की कामयाबी के चर्चे चारों तरफ है.
Who is Lalduhoma: मिजोरम के चुनावी नतीजे सामने आ चुके हैं. एमएनएफ अब सत्ता से बाहर है. राज्य में अगली सरकार जेडपीएम यानी जोरम पीपल्स मूवमेंट की बनने जा रही है और लालदुहोमा अगले सीएम होंगे. इस पार्टी की जीत को चमत्कार के साथ आम आदमी पार्टी की जीत से भी जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल इसके पीछे वजह भी है. करीब पांच साल पहले यह पार्टी अस्तित्व में आई जब आईपीएस अफसर रहे लालदुहोमा की अगुवाई में करीब करीब सभी दलों के नेता इसका हिस्सा बने. करीब पांच साल की मेहनत के बाद जेडपीएम ने इतिहास रच दिया. लेकिन यहां हम बात करेंगे लालदुहोमा की जो इंदिरा गांधी के सुरक्षा अधिकारी भी रहे थे.
इंदिरा गांधी की संभाली थी सुरक्षा
कड़ी मेहनत के बाद लालदुहोमा आईपीएस अधिकारी बने और गोवा कैडर अलॉट हुआ था. गोवा में सेवा देने के बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वो दिल्ली आए और पीएम रहीं इंदिरा गांधी के सुरक्षा इंचार्ज की जिम्मेदारी निभाई. नौकरी से रिटायरमेंट के बाद राजनीति में कदम रखा. 1984 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन हार का सामना करना पड़ा. ये बात अलग थी कि 1984 में ही वो एक बार फिर लोकसभा के लिए चुनाव लड़े और निर्विरोध जीत दर्ज कर संसद पहुंचे. हालांकि उन्हें अपने राजनीतिक सफर में चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा. 1986 में मिजोरम के तत्कालीन सीएम ललथनहावला के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा. उसका असर यह हुआ कि उन्होंने कांग्रेस पद से ना सिर्फ इस्तीफा दे दिया बल्कि कांग्रेस भी छोड़ दी. 1989 में उन्हें दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले सांसद बने. इसके अलावा 2020 में मिजोरम विधानसभा के अध्यक्ष ने भी उन्हें अयोग्य घोषित किया था. ये बात अलग है कि वो 2021 में ही शेरछिप से दोबारा विधायक बने.
2018 में बनाए थे जेडपीएम
लालदुहोमा का ना सिर्फ कांग्रेस ने बल्कि मिजो नेशनल फ्रंट से भी नाता था. लेकिन एमएनएफ अध्यक्ष और सीएम रहे जोरामथांगा से एका नहीं बनने की वजह से एमएनएफ भी छोड़ दी और खुद की पार्टी बनाई जिसे जेडपीएम के नाम से जाना गया. 2018 में उन्होंने सेरछिप और आईजोल पश्चिम- फर्स्ट से चुनाव लड़ा और जीता भी.शानदार जीत के बाद उन्होंने कहा था कि यह भगवान और लोगों का आशीर्वाद है. वो पिछले साल से ही बड़ी जीत की उम्मीद कर रहे थे. वो लोगों के मूड को समझ रहे थे. वो जानते थे कि एमएनएफ से त्रस्त जनता का मिजाज बदल चुका है. लोगों को भी पता था कि अगर जेडपीएम को सरकार बनाने का मौका मिला तो सीएम लालदुहोमा ही बनने जा रहे हैं. जानकार बताते हैं कि जेडपीएम की कामयाबी से पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ और कद्दावर चेहरों को रास्ता दिखाने का काम करेगी.