Madhya Pradesh, Chhattisgarh Assembly elections 2023 polling 17 November : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं. नेताओं की दिन रात मेहनत के बाद अब जनता की बारी है. एमपी की बात करें तो हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले इस राज्य में बीजेपी-कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है. हालांकि बीएसपी, सपा समेत कई छोटे-बड़े दल भी अपनी ताकत झोंक रहे हैं. एमपी की 230 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में शुक्रवार को मतदान होना है. एमपी के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर अनुपम राजन ने कहा कि एमपी के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वोटिंग सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगी. इसी तरह छत्तीसगढ़ के दूसरे चरण की 70 सीटों पर जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करेगी.


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मध्य प्रदेश में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान


बीजेपी हो या कांग्रेस यहां पर दोनों ने ही पहले के पैमानों को दरकिनार करते हुए जिताऊ उम्मीदवारों पर दांव लगाया है. राज्य में 5.6 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं. 230 सीटों में से 47 सीटें ST (अनुसूचित जनजाति) के लिए और 35 सीटें अनुसूचित जाति (SC)  के लिए आरक्षित हैं. राज्य में कुल 64,626 मतदान केंद्र बनाये गये हैं. इनमें से 64,523 मुख्य बूथ और 103 सहायक केंद्र हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 1,500 से अधिक है. चुनाव अधिकारियों के मुताबिक मध्य प्रदेश में 2,87,82,261 पुरुष, 2,71,99,586 महिला और 1,292 तृतीय लिंग के व्यक्तियों सहित 5,60,58,521 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं. कुल 2,533 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें 2,280 पुरुष, 252 महिलाएं और एक तृतीय लिंग का व्यक्ति है.


एमपी में शुक्रवार की सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा. पोलिंग पार्टियां निर्धारित मतदान केंद्रों पर पहुंचकर मोर्चा संभाल चुके हैं. एक मतदान दल में चार कर्मचारी तैनात किए गए हैं. कड़ी सुरक्षा में हो रहे इन चुनावों के लिए शुक्रवार को वोटिंग शुरू होने से पहले सुबह 5.30 बजे मॉक पोल होगा, उसके बाद सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा.


MP में बीजेपी-कांग्रेस में सीधा मुकाबला


चुनाव आयोग के मुताबिक एमपी में, ‘महत्वपूर्ण’ मतदान केंद्रों की संख्या 17,032 है, जबकि 5260 बूथों पर सभी मतदान कर्मी महिलाएं होंगी.


जिन बूथों पर पिछले चुनावों के दौरान बहुत अधिक मतदान हुआ या किसी प्रकार की हिंसा देखी गई, उन्हें ‘महत्वपूर्ण मतदान केंद्र’ के रूप में नामित किया गया है. दिव्यांगजनों के लिए 183 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. सीईओ राजन ने कहा कि पहली बार युवा-प्रबंधित 371 बूथ स्थापित किए गए हैं, जबकि ‘मॉडल’ मतदान केंद्रों की संख्या 2,536 है. उन्होंने कहा कि 57 ‘हरित’ (पर्यावरण-अनुकूल केंद्र) बूथ भी स्थापित किए गए हैं जिनमें से 50 जबलपुर में और सात बालाघाट में हैं.


राजन ने कहा कि चुनाव के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1,90,233 व्यक्तियों के खिलाफ निषेधाज्ञा कार्रवाई की गई और 2,69,318 लाइसेंसी हथियार अधिकारियों के पास जमा किए गए, चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के लिए 1,142 प्राथमिकियां दर्ज की गईं.


52 जिलों में VVPAT


52 जिलों में 230 विधानसभा सीटों पर मतदान कराने के लिए कुल 73,622 बैलेट यूनिट (बीयू), 64,626 सेंट्रल यूनिट (सीयू) और 64,626 VVPAT (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) इकाइयों का इस्तेमाल किया जाएगा.


अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र से सटे गोंदिया में एक एयर एम्बुलेंस तैनात की गई है. उन्होंने कहा कि मतदान पूरा होने तक बालाघाट में एक हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए भोपाल में एक और हेलीकॉप्टर तैयार रखा जाएगा.


मुख्यमंत्री चौहान (बुधनी) और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (छिंदवाड़ा) के अलावा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से तीन केंद्रीय मंत्री – नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 से चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा के तीन लोकसभा सांसद – राकेश सिंह, गणेश सिंह और रीति पाठक भी मैदान में हैं.


वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व राज्य मंत्री जयवर्धन सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह क्रमशः अपनी पारंपरिक राघौगढ़ और चुरहट सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं.


बीजेपी को पीएम मोदी के करिश्मे पर भरोसा


चुनाव की घोषणा के बाद मोदी ने राज्य की नौ यात्राएं कीं और 14 जनसभाओं को संबोधित किया. सत्ता बरकरार रखने के लिए भाजपा को प्रधानमंत्री के करिश्मे पर पूरा भरोसा है.


साल 2018 के चुनाव के बाद 114 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और उसने कमलनाथ के नेतृत्व में बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों की मदद से सरकार बनाई.


हालांकि मार्च 2020 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके प्रति वफादार कांग्रेस विधायकों के विद्रोह के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई और चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की वापसी का रास्ता साफ हुआ था.


एमपी का समीकरण समझिए-दिग्गजों पर नजर


एमपी चुनावों में सभी संभागों पर तैयारी पूरी हो चुकी है. पॉलिटिकल पंडितों के मुताबिक ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में काफी दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है. फिलहाल यहां 17-17 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस का कब्जा है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह समेत कई दिग्गज नेता यहीं से चुनावी मैदान में हैं. अन्य दिग्गजों की बात करें तो सीएम शिवराज सिंह चौहान बुधनी सीट से मैदान में हैं. वहीं BJP के सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय 10 साल बाद विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. विजयवर्गीय को इंदौर-1 से उतारा है. उनका मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा MLA संजय शुक्ला से है. शुक्ला और विजयवर्गीय के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. वहीं गोपाल भार्गव सागर की रहली विधानसभा सीट से 9वीं बार चुनाव मैदान में हैं. 


कांग्रेस की कोशिश


कांग्रेस ने भी दिग्गजों को सियासी अखाड़े में उतारा है. एमपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, जीतू पटवारी, गोविंद सिंह, अजय सिंह समेत कई नेता सियासी समर में हैं. 


छत्तीसगढ़ का हाल जानिए


छत्तीसगढ़ में प्रदेश के 19 जिलों की 70 सीटों पर शुक्रवार को वोटिंग होगी. इनमें से 9 सीटें अनुसूचित जाति और 17 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. यहां कुल 958 प्रत्याशी मैदान में अपनी किस्मत आजमाएंगे. बता दें कि दूसरे चरण में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव की सीट पर मतदान होगा. इसके साथ ही 10 मंत्री भी सियासी समर में ताल ठोक रहे हैं. यहां चार सांसदों समेत 958 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा. इस दौरान राज्य के सीएम भूपेश बघेल भी अपने गृह जनपद दुर्ग में मतदान करेंगे.


छत्तीसगढ़ की इन 70 सीटों पर 1.63 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसमें 81.42 लाख पुरुष वोटर और 81.72 लाख महिला मतदाता हैं. वहीं थर्ड जेंडर के 684 वोटर हैं. दूसरे चरण में 70 सीटों पर 1,63,14,479 मतदाता 827 पुरुषों, 130 महिलाओं और एक तृतीय लिंग के उम्मीदवार समेत कुल 958 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. चुनाव आयोग की तरफ से अंतिम चरण के लिए 18,806 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. सबसे ज्यादा प्रत्याशी 26 रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट पर खड़े हुए हैं, जबकि डौंडीलोहारा सीट पर सबसे कम 4 उम्मीदवार हैं, जिनकी किस्मत शुक्रवार शाम को ईवीएम में कैद हो जाएगी.


नक्सल प्रभावित इलाकों में सुबह 7 बजे से दोपहर बाद 3 बजे तक मतदान


दूसरे चरण में 70-70 उम्मीदवार भाजपा और कांग्रेस से तथा 43 उम्मीदवार आम आदमी पार्टी (आप) से है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (J) से 62, हमर राज पार्टी के 33, बहुजन समाज पार्टी (BSP) से 43 तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से 26 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. राजिम जिले की नक्सल प्रभावित बिंद्रानवागढ़ सीट के नौ मतदान केंद्रों कामरभौदी, आमामोरा, ओढ, बड़े गोबरा, गंवरगांव, गरीबा, नागेश, सहबीनकछार और कोदोमाली हैं, यहां सुबह 7 बजे से दोपहर बाद 3 बजे तक मतदान होगा जबकि अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान का समय सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक है. 


(एजेंसी इनपुट के साथ)