Rajasthan Vidhan Sabha Election Results 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में बंपर वोटिंग के बाद भाजपा की जीत की उम्मीदों को पंख लग गए हैं. राजस्थान की सियासी रवायत भी रही है कि जनता हर पांच साल पर सरकार बदल देती है. इस हिसाब से भी देखा जाए तो भाजपा सत्ता में आ सकती है. भाजपा को पूरी उम्मीद है कि वह राजस्थान में कांग्रेस की सरकार नहीं बनने देगी. अगर नतीजे भाजपा के पक्ष में आते हैं तो पार्टी के लिए सबसे मुश्किल फैसला राज्य के लिए मुख्यमंत्री चुनना होगा. सियासी गलियारों में तरह-तरही की अटकलें चल रही हैं. आइये आपको उन पांच नामों के बारे में बताते हैं, जिन्हें जीत मिलने पर भाजपा राजस्थान का मुख्यमंत्री बना सकती है. 


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वसुंधरा राजे


सबसे पहला नाम है पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का. भाजपा की सरकार बनने पर वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में सबसे मजबूत दावेदार हैं. लेकिन अगर आपको याद हो.. चुनाव के शुरुआती दौर में राजे पार्टी के प्रचार अभियान गायब थीं. पार्टी आलाकमान की बैठक हुई और राजे दम-खम के साथ चुनावी मैदान में उतरीं. इसलिए माना जा रहा है कि चुनाव जीतने पर भाजपा वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बना भी सकती है और नहीं भी.


दीया कुमारी


अब बात करते हैं भाजपा के जीतने पर मुख्यमंत्री की रेस में चल रहे दूसरे नाम की. वो नाम है दीया कुमारी. इस चुनाव से पहले दीया कुमारी की इतनी चर्चा कभी सुनने में नहीं आई थी. दीया कुमारी जयपुर के शाही घराने से ताल्लुक रखती हैं. सांसदी जीतने वाली दीया कुमार को भाजपा ने विद्याधरनगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा. इस सीट से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी नरपत सिंह राजवी के चुनाव लड़ने की पूरी उम्मीद थी. लेकिन राजवी का टिकट काटकर भाजपा ने दीया कुमारी पर भरोसा जताया. यही कारण है कि भाजपा की जीत पर दीया कुमारी के भी मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद जताई जा रही है.


राज्यवर्धन सिंह राठौड़


तीसरे नाम की बात करें तो राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के नाम की चर्चा भी जोरों पर है. भाजपा के लिए इस चुनाव में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ लंबे वक्त से कड़ी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने राजस्थान में दूर-दूर तक पार्टी की आवाज पहुंचाई है. सबसे बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि वे साफ-सुथरी छवि के युवा नेता हैं. युवाओं के वे पसंदीदा नेता भी हैं. भाजपा ने राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को झोटवाड़ा से चुनावी मैदान में उतारा है. एक बात और.. आरएसएस भी चाहती है कि भाजपा में युवा चेहरों को मौका दिया जाए. इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि चुनाव में जीत हासिल होने पर भाजपा मुख्यमंत्री पद लिए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर भरोसा जता सकती है. 


महंत बालकनाथ


अब उस नाम की बात करते हैं जिसे राजस्थान का योगी कहा जा रहा है. योगी से मतलब है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. भाजपा में अच्छी पकड़ रखने वाले सांसद महंत बालकनाथ इस बार के विधानसभा चुनाव में तिजारा विधानसभा सीट से मौदान में हैं. हिन्दू समाज में उनकी अच्छी पकड़ भी है. मस्तनाथ मठ के आठवें महंत बालकनाथ ओबीसी वर्ग से आते हैं. कहा जा रहा है कि जीत मिलने पर यूपी के सीएम योगी की तर्ज पर बालकनाथ भी सीएम के पद के लिए भाजपा की पसंद हो सकते हैं.


सतीश पूनिया


राजस्थान की सियासत में सतीश पूनिया.. एक बड़ा नाम है. प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सतीश पूनिया ने भाजपा के लिए कड़ी मेहनत की है. भाजपा ने उनको राजस्थान की आमेर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है. सतीश पूनिया चुरू जिले के राजगढ़ के रहने वाले हैं. भाजपा की जीत पर सीएम पद के लिए उनके नाम की भी चर्चा जोरों पर है. इसके पीछे सतीश पूनिया का आरएसएस के साथ गहरा नाता और भाजपा के आलाकमान से मधुर संबंध बड़ी वजह बताई जा रही है.