Cervical Cancer Symptoms: महिलाओं के लिए बिलकुल अच्छे नहीं हैं शरीर के ये लक्षण, हो सकता है जानलेवा कैंसर का खतरा
Cervical Cancer Diagnosis: सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के लिए किसी दानव से कम नहीं है, इसलिए इस बीमारी से बचने का सबसे बेहतर तरीका है जागरूकता. इस कैंसर को शुरुआती स्टेज में ही पहचानना जरूरी है.
Detect Cervical Cancer At Early Stage: हम में से ज्यादातर लोग इस बात से वाकिफ हैं कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, अगर इसका पता शुरुआती स्टेज में न चला तो जिंदगी को बचाना बेहद मुश्किल हो जाता है. भारत समेत कई मुल्कों में महिलाएं सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का शिकार हो रही हैं और पिछले कई सालों में इसके आंकड़े तेजी से बढ़े हैं. यूटेराइन सर्विक्स (Uterine Cervix) गर्भाशय (Uterus) का निचला हिस्सा है जो योनी और यूटेरस को जोड़ता है. बच्चेदानी के मुंह का कैंसर के लिए ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) जिम्मेदार है. ये बीमारी आमतौर पर यौन संचारित (Sexually Transmitted) वजहों से होती है. अगर इसे पहले स्टेज में पहचान लिया जाए तो पीड़ित महिला की जान बचाई जा सकती है.
सर्वाइकल कैंसर को कैसे पहचानें?
सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का पता आमतौर पर पहले स्टेज में नहीं चलता, इसके संकेत विकसित होने में कई साल लग सकते हैं. हालांकि कुछ वॉर्निंग साइन दिखें तो इसे नजरअंदाज बिलकुल भी न करें और तुरंत स्पेशलिस्ट डॉक्टर से संपर्क करें.
सर्वाइकल कैंसर के बड़े लक्षण
-यौन संबंध बनाने के दौरान तेज दर्द होना
-महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स से बदबू आना
-यौन संबंध बनाने के बाद प्राइवेट पार्ट्स से खून का बहना
-पीरियड्स में अनियमितता और अचानक ब्लीडिंग होना
-मल आने से रास्ते में ब्लीडिंग
-ज्यादा थकावट होना
-वजन का घटना
-खाना खाने का मन न करना
-पेट में दर्द
-यूरीन पास करने में दर्द होना
-डायरिया
लक्षण दिखते ही कराएं टेस्ट
स्त्री रोग से जुड़े कुछ ऐसे टेस्ट हैं जिनकी मदद से प्री-कैंसर स्टेज का पता लगाया जा सकता है. ऐसे में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) को बढ़ने से रोकना आसान हो जाता है.ह्यूमन पेपिलोमा वायरस मोलेक्यूलर टेस्ट काफी प्रभावी होते हैं. एंडोकर्विकल ट्रीटमेंट एक ऐसी तकनीक है जिसमें कोशिकाओं के सैम्पल लेकर बायोप्सी की जाती है और इस खतरनाक और जानलेवा बीमारी का पता लगाया जाता है.
सर्वाइकल कैंसर से ऐसे बचें
दूसरी बड़ी बीमारियों की तरह सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से भी जागरूकता के जरिए बचा जा सकता है, साथ ही मोलेक्यूलर टेस्ट (Molecular Test) और पैप स्मीयर स्क्रीनिंग (Pap Smear Test) के जरिए इस बीमारी का जल्द पता लगता है और ऐसा करने से कई महिलाओं की जान बच सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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